Headlines

21.6 करोड़ की लागत से 12 महीने में मंदाकिनी घाटों का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कायाकल्प होगा

सतना

 स्वदेश दर्शन योजना (Swadesh Darshan Yojana) के अंतर्गत चित्रकूट के मंदाकिनी घाटों को आध्यात्मिक अनुभव केंद्र के रूप में विकसित करने वाली परियोजना को मंजूरी मिल गई है। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने 13 मई को इस कार्य का टेंडर मुंबई की सवानी हेरिटेज कंस्ट्रक्शन कंपनी को स्वीकृत किया। अब कंपनी प्रक्रियागत औपचारिकताएं पूरी कर वर्क ऑर्डर प्राप्त करेगी। परियोजना के पूर्ण होते ही घाटों का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कायाकल्प होगा। कार्य 12 महीने में पूर्ण किया जाएगा। साथ ही, टेंडर शर्तों के अनुसार कंपनी आगामी वर्षों तक घाटों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी निभाएगी।

इस तरह सुंदर होंगे घाट
टेंडर के अनुसार आगमन क्षेत्र में 19.42 लाख रुपए की लागत से 3 प्रवेश द्वार, पार्किंग, ट्रैफिक मैनेजमेंट, होल्डिंग एरिया और पुलिस कियोस्क बनाए जाएंगे। 6.93 लाख रुपए में ऑन-साइट टिकटिंग व्यवस्था और खोया-पाया केंद्र तथा बोटिंग टिकट काउंटर का निर्माण होगा। व्याख्यान सुविधा के लिए 11.68 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिसमें वीडियो एलईडी दीवार, टाइमलाइन वाल, मूर्तिकला पथ, कंट्रोल रूम और प्रक्षेपण मानचित्र शामिल हैं।

7.18 करोड़ रुपए से घाटों का उन्नयन, पद यात्रियों के लिए रोड और घाट विस्तार, वृक्ष आच्छादित बैठने की जगहें और वाहन आवागमन रोकने के लिए बोलार्ड बनाए जाएंगे। 0.18 लाख रुपए में आठ स्थानों पर साइनेज सिस्टम स्थापित किया जाएगा। 1.65 करोड़ रुपए में तीन टॉयलेट ब्लॉक, चेंजिंग रूम, क्लाक रूम और शावर रूम जैसी सार्वजनिक सुविधाएं तैयार होंगी।

तीन प्रोजेक्ट चित्रकूट से छिने
स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत चित्रकूट में चार प्रोजेक्ट थे। आईपी ग्लोबल कंपनी को डीपीआर तैयार करने कंसल्टेंट एजेंसी बनाया गया था। लेकिन यह कंपनी एक साल से अधिक समय तक डीपीआर तैयार नहीं कर पाई। इसके कारण भारत सरकार ने घाट उन्नयन प्रोजेक्ट के अलावा तीन अन्य प्रोजेक्ट को अन्य स्थलों पर स्थानांतरित कर दिया है।

चित्रकूट विकास प्राधिकरण सीईओ स्वप्निल वानखेड़े ने बताया कि विगत 13 मई को टेंडर स्वीकृत हो गया है। जल्दी ही अन्य प्रक्रिया प्रारंभ कर वर्क आर्डर जारी कर दिया जाएगा। एक साल में यह प्रोजेक्ट ठेका कंपनी को पूरा करना होगा।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *