लुधियाना में विधायक अयाली का संदेश: निजी स्वार्थ छोड़ें और पंथक एकता के लिए काम करें, नहीं तो संगत फैसला करेगी

लुधियाना

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने एग्रेसिव अप्रोच अपनाते हुए पार्टी को आगे बढ़ाने पर फोकस किया है। सुखबीर बादल 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। 

मनप्रीत अयाली ने साफ कर दिया कि पंथक नेताओं को एक महीने का समय है वो अपने निजी स्वार्थों को छोड़कर आगे आएं। सुखबीर बादल का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि अगर वो शिरोमणि अकाली दल को मजबूत करना चाहते हैं तो त्याग की भावना दिखानी होगी। अगर खुद को मजबूत करना है तो वो उनकी मर्जी है। उन्होंने कहा कि नहीं तो पंथ अपना फैसला लेगा।

पंथक कमेटी ने अगर शिरोमणि अकाली दल के बागी गुट और अन्य पार्टियों को एकजुट कर दिया तो सुखबीर सिंह बादल के लिए 2027 विधानसभा चुनाव में परेशानी खड़ी हो सकती हे। दरअसल पंथक एकता की बात अकाली दल मान के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान और खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल के पिता भी कर चुके हैं।

मैं किसी एक गुट या पार्टी के साथ नहीं हूं

मनप्रीत अयाली ने कहा कि वो अकाली दल के जो बागी गुट हैं या अन्य संगठन हैं उनमें से किसी के साथ नहीं हूं। उनका कहना है कि पंथ ने उन्हें पंथक कमेटी का सदस्य बनाया है, वो उसके हिसाब से काम कर रहे हैं।

मैंने अकाली दल छोड़ा ही नहीं, विधानसभा में पार्टी का लीडर हूं

मनप्रीत अयाली का कहना है कि उन्होंने न तो शिरोमणि अकाली दल को छोड़ा है और न ही किसी ने उन्हें निकाला है। अयाली का कहना है कि वो आज भी पंजाब विधानसभा में अकाली दल के लीडर हैं और उनके हिसाब से ही पार्टी की गतिविधि विधानसभा में चलती है। पार्टी नेताओं से आपसी मतभेद हैं। यह पार्टी पंथ की है किसी एक की नहीं है।

एक महीने पंथक एकता के लिए काम करूंगा

मनप्रीत अयाली ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब ने पंथक कमेटी गठित की थी, जिसमें उन्हें भी सदस्य बनाया था। कमेटी को पहली जिम्मेदारी सदस्य बनाने की दी थी। वो काम पूरा कर दिया है। अब कमेटी पंथक एकता के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एक महीना पंथक एकता के लिए काम करेंगे। उसके बाद संगत का जो फैसला होगा उसके हिसाब से काम करेंगे।

पंजाब के भले के लिए पंथक एकता जरूरी

मनप्रीत अयाली ने कहा कि इस समय शिरोमणि अकाली दल और पंथ से संबंधित अन्य संगठन अलग-अलग चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंथ और पंजाब के भले के लिए पंथक एकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर चलने की जरूरत है। नेताओं को अपने निजी स्वार्थ छोड़कर पंथक एकता के लिए फैसले लेने होंगे।

हमारे पास तकड़ी होती तो क्लीन स्वीप करते

मनप्रीत अयाली ने कहा कि उन्होंने पंथक एकता और विकास की बात मुल्लापुर दाखा में की तो लोगों ने उनके उम्मीदवारों काे आजाद होने के बावजूद जिताया। मनप्रीत अयाली ने कहा कि अगर उनके पास तकड़ी का चुनाव क्लीन स्वीप कर सकते थे।

सुखबीर बादल ने दाखा हलके में की थी 3 रैलियां

मनप्रीत अयाली के उम्मीदवारों को हराने के लिए सुखबीर बादल ने दाखा हलके में 3 रैलियां की, लेकिन अकाली दल दाखा हलके में अपना खाता तक नहीं खोल पाया। यही नहीं सुखबीर बादल ने प्रचार के दौरान हलके में कहा था कि मनप्रीत अयाली अब अकाली दल में नहीं आ सकता है, उसके लिए दरवाजे हमेशा के लिए बंद हैं।

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