भाषाई शिक्षा को मिलेगा स्थायी ठिकाना, एक रुपए प्रति वर्ष की दर से विश्वविद्यालय को लीज पर दी गई भूमि

  • योगी सरकार ने अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, हैदराबाद के लखनऊ परिसर को दी स्थायी भूमि
  • योगी सरकार का युवाओं को वैश्विक स्तर की भाषाई शिक्षा देने की दिशा में बड़ा कदम
  • भाषाई शिक्षा को मिलेगा स्थायी ठिकाना, एक रुपए प्रति वर्ष की दर से विश्वविद्यालय को लीज पर दी गई भूमि

लखनऊ
अंग्रेजी एवं विदेशी
भाषाओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से योगी सरकार ने अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, हैदराबाद (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के लखनऊ परिसर के लिए स्थायी परिसर निर्माण हेतु 2.3239 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित कर दी है। यह भूमि ग्राम चकौली, परगना बिजनौर, तहसील सरोजनी नगर, जनपद लखनऊ में स्थित है और विश्वविद्यालय को मात्र एक रुपये प्रतिवर्ष की लीज पर दी गई है।

विभिन्न भाषाओं के पाठ्यक्रम होंगे संचालित
स्थायी परिसर में बी.ए. (ऑनर्स) अंग्रेजी, एम.ए. अंग्रेजी, एम.ए. भाषाविज्ञान, एम.ए. अंग्रेजी साहित्य, पीजीडीटीई और पीएच.डी. जैसे नियमित कार्यक्रमों के साथ-साथ फ्रेंच, जर्मन, रूसी और स्पेनिश भाषाओं के अंशकालिक पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे। वर्तमान में विश्वविद्यालय अस्थायी रूप से आरटीटीसी कॉम्प्लेक्स, कानपुर रोड, लखनऊ में संचालित हो रहा है।

युवाओं को वैश्विक अवसर दिलाने की प्रतिबद्धता
भूमि हस्तांतरण समारोह में मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश के युवाओं को वैश्विक स्तर की भाषाई शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास जताया कि स्थायी परिसर के निर्माण से शिक्षा की गुणवत्ता और सुविधाओं में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. नागराजू ने उत्तर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह भूमि हस्तांतरण संस्थान के दीर्घकालिक विकास के लिए ऐतिहासिक कदम है और लखनऊ परिसर को भाषाई शिक्षा एवं अनुसंधान का उत्कृष्ट केंद्र बनाया जाएगा।

मुख्य तथ्य

कुल भूमि: 2.3239 हेक्टेयर

मूल्यांकन: ₹9,29,56,000

लीज शुल्क: ₹1 प्रतिवर्ष

स्थान: ग्राम चकौली, सरोजनी नगर, लखनऊ

पाठ्यक्रम: अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, रूसी, स्पेनिश

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