महिलाओं की तरह भूतपूर्व सैनिकों व दिव्यांगों को भी मिलेगा स्टाम्प शुल्क छूट का लाभ : मुख्यमंत्री

₹20 हजार से अधिक निबंधन शुल्क पर सभी जिलों में अनिवार्य होगा ई-भुगतान

फर्जीवाड़े पर रोक के लिए आधार प्रमाणीकरण लागू करने व प्राधिकरण के आवंटियों के लिए सिंगल विंडो से ई-पंजीकरण सुविधा के निर्देश

रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती और वेंडरों के कमीशन को तार्किक बनाने पर बल

छोटे किरायेनामों पर शुल्क में छूट का विचार

99% विलेखों का डिजिटाइजेशन पूरा, ई-स्टाम्प से हो रहे 98% निबंधन

लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं को दी जा रही स्टाम्प शुल्क में छूट को भूतपूर्व सैनिकों और दिव्यांगजनों तक विस्तार देने का निर्णय लिया है।  गुरुवार को स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने विभाग को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 05 जनपदों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्राप्त सकारात्मक अनुभवों के आधार पर अब सभी जनपदों में 20 हजार रुपये से अधिक के निबंधन शुल्क के लिए ई-भुगतान अनिवार्य किया जाए।

मुख्यमंत्री ने विभाग की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेते हुए कहा कि फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए आधार प्रमाणीकरण की सुविधा लागू की जानी चाहिए। इसी प्रकार, प्राधिकरणों के आवंटियों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाते हुए सिंगल विंडो प्रणाली के माध्यम से ई-पंजीकरण व्यवस्था लागू की जाए।

उन्होंने विभाग को निर्देश दिया कि रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए, ताकि कार्यकुशलता और सेवा की गुणवत्ता बढ़ सके। स्टाम्प विक्रय के अन्य विकल्पों पर विचार कर वेंडरों के कमीशन को भी तार्किक बनाने की जरूरत बताई, साथ ही कहा कि 10 वर्ष तक की अवधि वाले लघु एवं मध्यम वर्ग के किराएनामे पर स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट दी जानी चाहिए।

बैठक में विभागीय मंत्री रवींद्र जायसवाल भी उपस्थित थे। बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2002 से 2017 तक के पंजीकृत विलेखों का 99 प्रतिशत डिजिटाइजेशन कार्य पूरा हो चुका है और अब अगले चरण की कार्रवाई चल रही है। वर्तमान में 98 प्रतिशत से अधिक निबंधन कार्य ई-स्टाम्प के माध्यम से हो रहे हैं।

इसके अलावा, विभिन्न जिलों में मूल्यांकन सूची का पुनरीक्षण कर विसंगतियों को दूर किया गया है। उप-पंजीकरण कार्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।

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