115 दिन बाद बची जान, लेकिन उजड़ गया जीवन— जहरीले सीरप से आंखों की रोशनी गई, किडनियां फेल

छिंदवाड़ा
जहरीले कफ सीरप ‘कोल्ड्रिफ’ के जानलेवा कहर के बीच जाटाछापर निवासी पांच वर्षीय कुनाल यदुवंशी की कहानी एक चमत्कार से कम नहीं है। अब तक इस सीरप से 25 बच्चों की जान जा चुकी है, लेकिन कुनाल उन तीन खुशनसीब बच्चों में से एक है, जो मौत को मात देकर 115 दिनों के संघर्ष के बाद घर लौटा है। हालांकि, इस लंबी लड़ाई ने मासूम और उसके परिवार को गहरे जख्म दिए हैं, जिनका असर आज भी साफ नजर आ रहा है।

गलत इलाज और किडनियों पर प्रहार
कुनाल के संघर्ष की शुरुआत बीते 24 अगस्त को हुई थी, जब उसे सामान्य बुखार आने पर स्वजन स्थानीय डॉक्टर प्रवीण सोनी के पास ले गए थे। डॉक्टर द्वारा दी गई दवा और ‘कोल्ड्रिफ’ सीरप पीने के बाद कुनाल की हालत सुधरने के बजाय तेजी से बिगड़ने लगी। गहन जांच के बाद यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि जहरीले सीरप के साइड इफेक्ट के कारण बच्चे की दोनों किडनियां पूरी तरह काम करना बंद कर चुकी हैं।

115 दिनों का संघर्ष और डायलिसिस का दर्द
हालात गंभीर होने पर कुनाल को 30 अगस्त को नागपुर रेफर किया गया। पिता टिक्कू यदुवंशी उसे लेकर एम्स समेत नागपुर के विभिन्न अस्पतालों के चक्कर काटते रहे। इस दौरान मासूम कुनाल को करीब डेढ़ महीने तक रोजाना डायलिसिस के असहनीय दर्द से गुजरना पड़ा। डॉक्टरों के अनुसार, सीरप का जहर इतना घातक था कि बचने की उम्मीद बेहद कम थी, लेकिन परिवार की दुआओं और कड़े चिकित्सकीय प्रबंधन के चलते 115 दिनों बाद सोमवार रात उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

घर वापसी पर लाचारी और दवाओं का दुष्प्रभाव
कुनाल घर तो लौट आया है, लेकिन उसकी मुस्कान अब भी गायब है। जहरीले सीरप के दुष्प्रभाव के कारण उसकी आंखों का पानी सूख गया है, जिससे फिलहाल उसे दिखाई नहीं दे रहा है। इसके अलावा उसे चलने-फिरने में भी भारी परेशानी हो रही है। स्वजन की आंखों में खुशी और गम के मिले-जुले आंसू हैं; उन्हें उम्मीद है कि जिस हौसले से कुनाल ने मौत को हराया है, वह जल्द ही पूरी तरह स्वस्थ होकर चलने भी लगेगा।

मुआवजे की मांग और दोषियों को फांसी की सजा
कुनाल के पिता टिक्कू यदुवंशी ने इस लापरवाही के खिलाफ सरकार से कड़ा रुख अपनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इलाज में करीब साढ़े आठ लाख रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें से आधी सहायता मिल पाई है। पिता ने मांग की है कि सरकार सभी प्रभावित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दे और मासूमों की जान से खेलने वाले दोषियों को फांसी की सजा दी जाए। इस बीच सांसद विवेक बंटी साहू ने कुनाल के स्वस्थ होने पर खुशी जाहिर करते हुए आश्वासन दिया है कि सरकार बच्चों के इलाज का पूरा खर्च वहन कर रही है।

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