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कुशवाहा को पीके की खरी-खरी: नीतीश से दिक्कत है तो गठबंधन छोड़ो

पटना
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को जदयू की कमान किसी और को देने और खुद बिहार के मुख्यमंत्री का पदभार सभालने की नसीहत दी। इस पर राजनीति तेज हो गई है। जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने कुशवाहा को एनडीए और राज्यसभा सांसद का पद दोनों छोड़ देने की नसीहत दी है। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को भी लपेटा। कुशवाहा ने निशांत के जन्मदिन पर नीतीश कुमार के नाम सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि दोनों जिम्मेदारी चलाना नीतीश के लिए मुश्किल हो रहा है।

उपेंद्र कुशवाहा की नीतीश कुमार को दी गई सलाह पर पीके ने कहा कि जब उनको नीतीश कुमार के लीडरशीप पर भरोसा नहीं है तो एनडीए में क्यों बने हुए हैं। नीतीश कुमार की मदद से राज्यसभा में जाएंगे, मंत्री बनना चाहेंगे और उनकी शिकायत भी करेंगे तो दोनों नहीं चलेगा। उन्हें तत्काल राज्यसभा से त्यागपत्र दे देना चाहिए। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के लंबे राजनैतिक जीवन की यह अंतिम पारी है। अब जनता उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बिठाएगी। यह उनका अंतिम सत्र है जब वे सदन में विधानसभा के नेता के तौर पर सदन में जाएंगे। वे बीस साल से सीएम हैं और हर हफ्ते कैबिनेट की बैठक होती है।इतने दिनों से नहीं दिया और अब बीस सप्ताह में लॉलीपॉप दिखा रहे हैं।इससे कोई फायदा उनकी पार्टी को नहीं होगा।

रविवार को उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश को संबोधित करते हुए लंबा सा पोस्ट लिखा था। निशांत को उम्मी बताते हुए कहा था कि बिहार को नीतीश कुमार जैसे अनुभवी सीएम के नेतृत्व की जरूरत है। लेकिन पार्टी की जिम्मेदारी के साथ सीएम का पद संभालने को कठिन बताया था। कहा था कि नीतीश जी को तुरंत इस पर फैसला करना चाहिए। देर हुई तो ऐसा नुकसान हो सकता है जिसकी भरपाई संभव नहीं हो।

 

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