शिक्षकों का ट्रांसफर तय करने वाली समिति में आरक्षण का प्रावधान, जानें पूरी प्रक्रिया

पटना

पिछले कुछ महीनों से सरकारी शिक्षक अपने तबादले को लेकर परेशान हैं। कई शिक्षकों की समस्या का समाधन हो गया। कई लोग अपना तबादला चाह रहे हैं लेकिन नहीं हो पा रहा। नीतीश सरकार ने इनकी समस्या के समाधान के लिए अब जिला स्तर पर समिति गठित करने का निर्णय लिया है। इसके अध्यक्ष जिलाधिकारी रहेंगे। साथ ही समिति में अन्य कई सदस्य भी रहेंगे जो ट्रांसफर पोस्टिंग पर विचार करेंगे। शिक्षा विभाग ने मंगलवार को एक पत्र जारी किया है। शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव की ओर से जारी किए गए इस पत्र में कहा गया है कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के स्थानांतरण से संबंधित मामलों पर विचार करने के लिए प्रत्येक जिले में एक जिला स्थापना समिति का गठन किया है। हालांकि इस समिति में भी आरक्षण रोस्टर का पूरी तरह पालन किया गया है। इसमें एससी-एसटी और अलसंख्यक श्रेणी के भी एक-एक सदस्य होंगे।

हर जिले के डीएम होंगे इस समिति के अध्यक्ष

     जिला पदाधिकारी – अध्यक्ष
     उप विकास आयुक्त – सदस्य
     अपर जिला दण्डाधिकारी – सदस्य
     जिला शिक्षा पदाधिकारी – सदस्य सचिव
     जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) – सदस्य
     जिला पदाधिकारी द्वारा मनोनीत अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी का एक पदाधिकारी – सदस्य
     जिला पदाधिकारी द्वारा मनोनीत एक महिला वरीय उप समाहर्त्ता (या अन्य कोई महिला पदाधिकारी) – सदस्य
     जिला पदाधिकारी द्वारा मनोनीत अल्पसंख्यक श्रेणी का एक पदाधिकारी – सदस्य

जिला के अंदर स्थानांतरण समेत यह काम करेगी समिति
शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव के स्पष्ट कहा है कि जिला स्थापना समिति को शिक्षकों के अंतर-जिला और जिला के अंदर स्थानांतरण, स्थानांतरण से संबंधित शिकायतों का निपटान, और जिले के भीतर स्वीकृत रिक्त पदों की सीमा तक शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के लिए अधिकृत किया गया है। यह प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस अधिसूचना की प्रतिलिपि सभी जिला पदाधिकारी, क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को सूचना और आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गई है।

स्थानांतरण के लिए फिर से आवेदन कर सकते हैं
इधर, शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग ने म्युचुअल ट्रांसफर का पोर्टल आज 6 अगस्त को दोपहर 3 बजे से खोल दिया गया है। यह पोर्टल 10 सितंबर तक खुला रहेगा, जिसके माध्यम से शिक्षक आपसी सहमति से अपने ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। वह लोग जो पारिवारिक स्थितियों की की वजह से परिवार के साथ रखना चाहते थे, उनकी समस्या का समाधान होने जा रहा है। यह पोर्टल विशेष तौर पर उन शिक्षकों के लिए खोला जा रहा है, जो ट्रांसफर प्रक्रिया में वंचित रह गए थे या जिनका स्थानांतरण ऐसे क्षेत्रों में हो गया था, जहां से उन्हें पारिवारिक रूप से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अब वह शिक्षक आपसी सहमति से अपने मनचाहे जिले में स्थानांतरण के लिए फिर से आवेदन कर सकते हैं।

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