इस साल हरतालिका तीज का व्रत उदया तिथि में 26 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। कुवांरी कन्याएं भी यह व्रत अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए रख सकती है। इस व्रत में निर्जला रहा जाता है। अगरे दिन व्रत का पारण किया जाता है। इस साल हस्त नक्षत्र पड़ रहा है, कहा जाता है हरतालिका तीज की पूजा हस्त नक्षत्र में बहुत फलदायी मानी जाती है।
मिट्टी और बालू की मूर्ति बनाकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना कैसे करनी है, इसके यहां पढ़ें व्रत का संपूर्ण विधि-विधान-हरतालिका तीज की पूजा शाम के समय होती है, इसके लिए पहले जमीन को साफ कर लें। इसके बाद इसके ऊपर एक चौकी लगाएं। ध्यान रखें कि चौकी पूर्न दिशा में लगाएं। इस चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की एक तस्वीर और मिट्टी की मूर्ति रखें। इसके बाद एक कलश स्थापना करें। इसके लिए चावल से अष्टदल बनाकर उसके ऊपर गंगा जल पानी, हल्दी की गांठ, सुपारी आदि डालक कलश रखें, कलश पर स्वास्तिक बनाएं। कलश के ऊपर आम के पत्ते लगाएं। उस पर एक कटौरी चावल भरकर रखें और उस पर एक दीपक जलाएं। इस दिन मिट्टी से माता पार्वती, गणेश जी, नंदी और कार्तिकेय जी बनाएं। उन्हें जल और दूध दही से अभिषेक कराएं।
उन्हें वस्त्र अर्पित करें, दूर्वा अर्पित करें। माता पार्वती को चुनरी और श्रृंगार का सामान अर्पित करें। कुशा से सभी पर गंगा जल छिड़के। भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, फल और फूल अर्पित करें। भोग के खीर या पुएं बना सकते हैं। इसके बाद भीगे हुए चने रखें। अर्पित करें सबसे पहले एक दीपक जलाएं। माता के सामने व्रत का संकल्प करें। मिट्टी की मूर्ति को पांच बार सिंदूर लगाएं और वहीं सिंदूर दान माता पार्वती की मूर्ति से लेकर अपने पांच बार लगाएं। इससे पार्वती से सुहाग लेना कहते हैं। इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव को अबीर गुलाल और इत्र भी अर्पित करें। विवाहिता पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य लाभ के लिए व्रत रखती हैं। निर्जला व्रत रख कर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की बालू या मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजन की जाती है। इस तरह करें हरतालिका का पूजन सुबह स्नान कर शिव-पार्वती के मंदिर जाएं। इसके बाद शिव-पार्वती को लाल गुलाब अर्पित करें। भगवान शिव और नंदीगण को शहद चढ़ाएं। इस दिन माता पार्वती पर सुहाग पिटारी अर्पित की जाती है, इसके अलावा अपनी सामर्थ्य अनुसार अपने घर की बुजुर्ग महिलाओं या जो रिश्ते में आपसे बड़ी हैं, उन्हें सुहाग पिटारी के साथ साड़ी और बिछिया भेंट करें। गुड़ के 11 लड्डू मां पार्वती को बनाएं और माता पार्वती को अर्पित करें।