किश्तवाड़ संकट: बचाव जारी, 32 मृतक और दर्जनों लापता

जम्मू
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से बड़ी तबाही का डर है। यह हादसा मचैल माता की तीर्थ यात्रा के रूट पर स्थित है। इस साल अब तक ढाई लाख लोग मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। देश भर से लोग यहां पहुंचते रहे हैं। ऐसे में डर है कि यहां हताहत होने वालों की संख्या बढ़ सकती है। पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने भी बड़ी तबाही का डर जताया है और देश भर के लोगों से दुआओं की अपील की है। आपदा में कम से कम 32 की मौत हो चुकी है। यह बादल फटने की घटना जिस चोसिटी गांव में हुई है, वहां मचैल माता की यात्रा के लिए बेस कैंप बनाए जाते हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार वहां बड़े पैमाने पर टेंट लगे थे। आइए जानते हैं, हर अपडेट…

मरने वालों की संख्या कम से कम 32 पहुंची, 50 अब भी लापता
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और मूसलाधार बारिश से आई अचानक बाढ़ में कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई है। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख मोहम्मद इरशाद ने बताया कि राहत टीमों ने अब तक 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, जबकि शुरुआती अनुमान के मुताबिक करीब 50 लोग अब भी लापता हैं।

किश्तवाड़ में खराब मौसम, हाई अलर्ट
किश्तवाड़ में खराब मौसम और चिशोती में बादल फटने से आई बाढ़ के मद्देनजर पुलिस और जिला प्रशासन ने पूरे जिले में कंट्रोल रूम और हेल्प डेस्क सक्रिय कर दिए हैं। सभी सब-डिविजन को हाई अलर्ट पर रखा गया है और आपात स्थितियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस टीमें तैनात की गई हैं, जो भारी बारिश, अचानक आई बाढ़, भूस्खलन और सड़कों पर यातायात बाधित होने जैसी घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई करेंगी।

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