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8 साल के इंतजार के बाद न्याय: भीड़ हिंसा में दोषियों को उम्रकैद

जमशेदपुर

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले की एक अदालत ने 2017 के भीड़ हिंसा के मामले में 5 लोगों को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह घटना 18 मई, 2017 को बागबेड़ा थाना क्षेत्र के नागाडीह में हुई थी।

आरोपियों ने बच्चा चोर के संदेह में विकास वर्मा, उनके भाई गौतम वर्मा, उनकी दादी रामसखी देवी और गंगेश गुप्ता नामक व्यक्ति की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। घटना के संबंध में आठ मामले दर्ज किए गए थे और उनमें से एक मामले में 25 सितंबर को पांच लोगों को दोषी ठहराया गया। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-1 विमलेश कुमार सहाय की अदालत ने मामले में 20 आरोपियों को बरी कर दिया।

इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में 29 लोगों को नामजद किया गया था जिनमें से चार अब भी फरार हैं। अदालत ने राजाराम हांसदा, गोपाल हांसदा, रेंगो पूर्ति, तारा मंडल और सुनील सरदार को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 341 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 338 (जीवन को खतरे में डालने वाले कृत्य से गंभीर चोट पहुंचाना), 117 (अपराध के लिए उकसाना) और 149 (समान उद्देश्य से गैरकानूनी जमावड़ा) के तहत दोषी करार दिया। अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाने के अलावा प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

 

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