Headlines

जेपी नड्डा ने राहुल को लिया आड़े हाथ, कई चुनाव में हार से दुखी और हताश है, इसलिए आरोप लगा रहे

नई दिल्ली 
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी द्वारा 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को 'लोकतंत्र में धांधली करने का ब्लूप्रिंट' करार दिए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार को कहा कि कांग्रेस नेता कई चुनाव में हार से दुखी और हताश है और इसलिए विचित्र साजिशें रचने का आरोप लगा रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट थे। उन्होंने कहा कि यह मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी दोहराई जाएगी और फिर उन जगहों पर भी ऐसा ही किया जाएगा, जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हार रही होगी।

राहुल ने लिखा, ''मैंने अपने लेख में चरण दर चरण विस्तार से बताया है कि कैसे यह साजिश रची गई : चरण 1: निर्वाचन आयोग की नियुक्ति करने वाली समिति पर कब्जा किया गया। चरण 2: फर्जी मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया। चरण 3: मतदान प्रतिशत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए। चरण 4: जहां भाजपा को जिताना था, वहां लक्षित करके फर्जी मतदान कराया गया। चरण 5: सबूतों को छिपा दिया गया।'' नड्डा ने पलटवार करते हुए कहा कि गांधी का लेख 'फर्जी विमर्श गढ़ने का एक ब्लूप्रिंट'है, क्योंकि वह लगातार चुनाव हारने से दुखी और हताश हैं। उन्होंने कहा, ''वह इसे चरण दर चरण इस प्रकार करते हैं। चरण 1: कांग्रेस पार्टी अपनी हरकतों के कारण चुनाव दर चुनाव हारती है। चरण 2: आत्मनिरीक्षण करने के बजाय, वह विचित्र षड्यंत्र रचते हैं और धांधली का रोना रोते हैं। चरण 3: सभी तथ्यों और आंकड़ों की अनदेखी करते हैं। चरण 4: बिना सबूत के साथ संस्थाओं को बदनाम करते हैं।''

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ''चरण 5: तथ्यों की अपेक्षा सुर्खियों की उम्मीद करना। बार-बार पोल खुलने के बावजूद, वह बेशर्मी से झूठ फैलाते रहते हैं। और, वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि बिहार में उनकी हार निश्चित है।'' नड्डा ने कहा कि लोकतंत्र को नाटक की नहीं, बल्कि सच्चाई की जरूरत है। राहुल गांधी ने जोर दिया कि मैच फिक्स किए गए चुनाव लोकतंत्र के लिए जहर हैं। उन्होंने कहा कि जो पक्ष धोखाधड़ी करता है, वो भले ही जीत जाए, लेकिन इससे लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं और जनता का नतीजों से भरोसा उठ जाता है।

अपने लेख में गांधी ने आरोप लगाया कि मतदान प्रतिशत को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया। उन्होंने लिखा, ''महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 8.98 करोड़ थी। पांच साल बाद मई 2024 के लोकसभा चुनाव में यह संख्या बढ़कर 9.29 करोड़ हुई। इसके सिर्फ पांच महीने बाद नवंबर, 2024 के विधानसभा चुनाव तक यह संख्या बढ़कर 9.70 करोड़ हो गई। यानि पांच साल में 31 लाख की मामूली वृद्धि, वहीं सिर्फ पांच महीने में 41 लाख की जबरदस्त बढ़ोतरी।'' अपने लेख में उन्होंने लिखा, ''मतदाताओं को संख्या 9.70 करोड़ पहुंचना असामान्य है, क्योंकि सरकार के खुद के आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र के वयस्कों की कुल आबादी 9.54 करोड़ है।''

चुनाव के दिन मतदान प्रतिशत में वृद्धि की ओर इशारा करते हुए गांधी ने कहा, ''शाम पांच बजे तक मतदान प्रतिशत 58.22 था। मतदान खत्म होने के बाद भी मतदान प्रतिशत लगातार बढ़ता रहा। अगली सुबह जो आखिरी आंकड़ा आया, वह 66.05 प्रतिशत था।'' उन्होंने लिखा, ''यानी मतदान प्रतिशत में 7.83 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी हुई, जो करीब 76 लाख वोट के बराबर है। वोट प्रतिशत में ऐसी बढ़ोतरी महाराष्ट्र के पहले के किसी भी विधानसभा चुनाव से कहीं ज्यादा थी।'' उन्होंने राज्य के 85 निर्वाचन क्षेत्रों में केवल 12,000 मतदान केंद्र पर नए मतदाताओं को जोड़ने की ओर भी इशारा किया, जहां आखिरकार भाजपा की जीत हुई।

नड्डा ने राहुल गांधी के आरोपों के जवाब में समाचार पोर्टल 'ऑपइंडिया' पर प्रकाशित एक लेख साझा किया, जिसमें गांधी के आरोपों का खंडन किया गया है। भाजपा ने राहुल गांधी पर चुनावी प्रक्रिया में लोगों के विश्वास को कम करने के लिए लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला करने का आरोप लगाया। पार्टी ने दावा किया कि वह आगामी चुनावों में अपनी पार्टी की हार को रोकने के लिए ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि वह जनता का समर्थन हासिल नहीं कर सकते। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एक सुनियोजित साजिश के तहत लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में हारने वाली है।

 

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *