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ISRO ने LVM3-M6 मिशन से अमेरिकी सेटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया

श्रीहरिकोटा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) बुधवार सुबह 8.55 बजे अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3 से अमेरिकी कंपनी AST स्पेसमोबाइल की ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 संचार सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. यह इस रॉकेट की छठी ऑपरेशनल उड़ान (LVM3-M6) है.

ये मिशन है न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और AST स्पेसमोबाइल के बीच हुए समझौते के तहत किया जा रहा है. इस मिशन से लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में दुनिया का सबसे बड़ा कॉमर्शियल संचार सैटेलाइट तैनात होगा, जो सामान्य स्मार्टफोन को सीधे स्पेस से हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करेगा.

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट की विशेषताएं

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 AST स्पेसमोबाइल की अगली पीढ़ी की संचार सैटेलाइट्स सीरीज का हिस्सा है. यह सैटेलाइट दुनिया भर में उन इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई है जहां ग्राउंड नेटवर्क नहीं पहुंच पाता. मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं…

    वजन: लगभग 6100 से 6500 किलोग्राम (यह LVM3 द्वारा भारतीय मिट्टी से लॉन्च किया गया अब तक का सबसे भारी पेलोड है).

    आकार: इसमें 223 वर्ग मीटर (लगभग 2,400 स्क्वायर फीट) का फेज्ड ऐरे एंटीना लगा है, जो इसे लो अर्थ ऑर्बिट में तैनात होने वाला सबसे बड़ा कॉमर्शियल संचार सैटेलाइट बनाता है.

    क्षमता: यह 4G और 5G नेटवर्क सपोर्ट करता है. सामान्य स्मार्टफोन को सीधे स्पेस से हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड प्रदान करेगा.

    स्पीड: प्रति कवरेज सेल में 120 Mbps तक की पीक डेटा स्पीड, जो वॉइस कॉल, वीडियो कॉल, टेक्स्ट, स्ट्रीमिंग और डेटा सर्विसेज को सपोर्ट करेगी.

    उद्देश्य: यह सैटेलाइट AST स्पेसमोबाइल की ग्लोबल कांस्टेलेशन का हिस्सा है, जो दुनिया भर में 24/7 कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी. इससे दूरदराज के इलाकों, समुद्रों और पहाड़ों में भी मोबाइल नेटवर्क पहुंचेगा.
    पिछली सैटेलाइट्स: कंपनी ने सितंबर 2024 में ब्लूबर्ड 1-5 सैटेलाइट्स लॉन्च की थीं, जो अमेरिका और कुछ अन्य देशों में कंटीन्यूअस इंटरनेट कवरेज प्रदान कर रही हैं. ब्लॉक-2 इससे 10 गुना ज्यादा बैंडविड्थ कैपेसिटी वाली है.

यह सैटेलाइट लगभग 600 किलोमीटर की ऊंचाई वाली लो अर्थ ऑर्बिट में तैनात की जाएगी.
LVM3 रॉकेट की विशेषताएं

LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3), जिसे पहले GSLV Mk-III कहा जाता था, इसरो का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है. इसे इसरो ने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया है. मुख्य स्पेसिफिकेशंस…

    ऊंचाई: 43.5 मीटर
    लिफ्ट-ऑफ वजन: 640 टन
    स्टेज: तीन स्टेज वाला रॉकेट
    दो सॉलिड स्ट्रैप-ऑन बूस्टर्स (S200)
    लिक्विड कोर स्टेज (L110)
    क्रायोजेनिक अपर स्टेज (C25)

    पेलोड क्षमता: जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में: 4,200 किलोग्राम तक. लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में: 8,000 किलोग्राम तक.
    पिछले सफल मिशन: LVM3 ने चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और दो वनवेब मिशनों (कुल 72 सैटेलाइट्स) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है. इसका पिछला मिशन LVM3-M5/CMS-03 था, जो 2 नवंबर 2025 को सफल रहा.

यह रॉकेट भारत की अंतरिक्ष क्षमता का प्रतीक है और भविष्य में गगनयान मानव मिशन के लिए भी इस्तेमाल होगा. यह मिशन इसरो के कॉमर्शियल लॉन्चेस में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा. AST स्पेसमोबाइल दुनिया की पहली स्पेस-बेस्ड सेल्युलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क बना रही है, जो स्टारलिंक जैसी सेवाओं से कॉम्पीट करेगी. भारत से लॉन्च होने से इसरो की ग्लोबल लॉन्च सर्विसेज में मजबूती आएगी.

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