22 बैंक अकाउंट, 60 करोड़ का खेल! छांगुर बाबा की मनी लॉन्ड्रिंग पर जांच एजेंसियों की नजर

लखनऊ 

अवैध धर्मांतरण के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के काले धंधे का नेटवर्क सिर्फ देश तक सीमित नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ताजा जांच में इसका बड़ा खुलासा हुआ है. ईडी ने छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों पर शिकंजा कसते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो मुंबई से लेकर पनामा तक फैला था.

जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा ने विदेशों से भारी फंडिंग हासिल की थी. इस फंडिंग का इस्तेमाल देश में धर्मांतरण कराने और अवैध संपत्ति खरीदने में किया जा रहा था. ईडी को छांगुर बाबा और उसके करीबियों के 22 बैंक खातों की जांच में करीब 60 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. खातों में संदिग्ध ट्रांजेक्शनों की लंबी फेहरिस्त पाई गई है, जिनका स्रोत और उद्देश्य संदिग्ध है.

मुंबई में छांगुर बाबा ने 'रनवल ग्रींस' नाम का एक कॉम्पलेक्स खरीदा था. ईडी को शक है कि यह सौदा अवैध फंडिंग के पैसों से किया गया था. सौदे से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है. ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि पनामा स्थित 'लोगोस मरीन' नामक एक कंपनी से छांगुर के तार जुड़े हैं. इस कंपनी के दस्तावेज और अभिलेख ईडी के हाथ लगे हैं, जिससे अंदेशा है कि विदेशों में भी पैसा खपाने और मनी लॉन्ड्रिंग का नेटवर्क संचालित किया जा रहा था.

लखनऊ का बुटीक बना था गोरखधंधे का अड्डा

लखनऊ के सुभाष नगर स्थित ‘आसवी बुटीक’ को भी ईडी ने खंगाला है. जांच में पता चला कि इस बुटीक को दस्तावेजों और अवैध संपत्ति से जुड़े कागजात छिपाने का अड्डा बनाया गया था. यहां से छांगुर बाबा और उसके नेटवर्क से जुड़ी कई संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए हैं. बुटीक को फिलहाल सील कर दिया गया है.

नवीन रोहरा और नीतू रोहरा की भूमिका भी संदिग्ध

ईडी ने अपनी जांच में नवीन रोहरा और नीतू रोहरा उर्फ नसरीन को भी इस मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का अहम हिस्सा माना है. ये दोनों संदिग्ध लेनदेन और संपत्ति सौदों में छांगुर की मदद कर रहे थे. इनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई तेज कर दी गई है. ईडी के पास छांगुर बाबा और उसके नेटवर्क के खिलाफ कई सबूत हैं. अब इन सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *