नई दिल्ली
रक्षा मंत्रालय की डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) ने करीब 80 हजार करोड़ रुपये की रक्षा खरीद और अपग्रेड प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. यह फैसला भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की युद्ध क्षमता को मजबूत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसमें पुराने हथियारों का अपग्रेड, नए आधुनिक हथियारों की खरीद और स्वदेशी विकास शामिल हैं.
मुख्य मंजूरियां क्या हैं?
टी-90 भीष्म टैंकों का ओवरहॉल: करीब 200 टी-90 टैंकों का स्वदेशी तरीके से मिड-लाइफ अपग्रेड और ओवरहॉल किया जाएगा. यह काम डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट (DPSU) करेगी. इससे टैंकों की उम्र बढ़ेगी. लड़ाई में ताकत बढ़ेगी.
एमआई-17 हेलीकॉप्टरों का अपग्रेड: मीडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टर एमआई-17 का मिड-लाइफ अपग्रेड होगा. इससे हेलीकॉप्टरों की ऑपरेशनल तैयारी और भरोसेमंदी बढ़ेगी.
लोइटरिंग मुनिशन (कामिकाज़ ड्रोन): आधुनिक युद्ध के लिए लोइटरिंग मुनिशन (सुसाइड ड्रोन) खरीदने की मंजूरी. ये ड्रोन दुश्मन के ठिकाने पर घूमकर सटीक हमला करते हैं.
एमआरएसएएम मिसाइलें: भारतीय नौसेना और वायुसेना के लिए मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) खरीदी जाएंगी. इससे हवाई और समुद्री रक्षा मजबूत होगी.
Astra मार्क-2 और मीटियोर मिसाइलें: वायुसेना के लिए बहुत बड़ी संख्या में Astra मार्क-2 एयर-टू-एयर मिसाइलें (200 किमी से ज्यादा रेंज) विकसित और खरीदी जाएंगी. साथ ही कुछ मीटियोर मिसाइलें भी ली जाएंगी.
स्पाइस-1000 बम: इजरायल से बड़ी संख्या में स्पाइस-1000 एयर-टू-ग्राउंड गाइडेड बम खरीदने पर चर्चा हुई. ये बहुत सटीक हमले करते हैं.
पिनाका रॉकेट का विकास: 120 किलोमीटर रेंज वाली नई पिनाका रॉकेट का विकास मंजूर. खास बात यह है कि इन्हें मौजूदा 45 किमी और 80 किमी रेंज वाली पिनाका लॉन्चर से ही दागा जा सकेगा.
एयर-टू-एयर रिफ्यूलर और AWACS: हवाई रिफ्यूलिंग टैंकर और एयरबॉर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) की खरीद के लिए RFP (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) में बदलाव मंजूर. ये लंबी दूरी के हवाई ऑपरेशन के लिए जरूरी हैं.
सी गार्जियन ड्रोन का लीज: अमेरिका से दो MQ-9B हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) सी गार्जियन ड्रोन को 3 साल के लिए लीज पर लेने का फैसला जल्द. भारत पहले ही 31 ऐसे ड्रोन खरीदने का सौदा कर चुका है, जिनकी डिलीवरी 2028 से शुरू होगी.
इन फैसलों का महत्व
आधुनिकीकरण: पुराने टैंक और हेलीकॉप्टरों को नया जीवन मिलेगा.
आधुनिक युद्ध क्षमता: ड्रोन, लोइटरिंग मुनिशन और लंबी रेंज मिसाइलें से सटीक और तेज हमले संभव.
स्वदेशी बढ़ावा: टी-90 ओवरहॉल, पिनाका और Astra जैसे प्रोजेक्ट से आत्मनिर्भर भारत को बल.
लंबी दूरी की ताकत: रिफ्यूलर, AWACS और लंबी रेंज हथियारों से वायुसेना की पहुंच बढ़ेगी.
DAC की बैठक में रक्षा मंत्रालय के बड़े अधिकारी और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल थे. ये फैसले भारतीय सशस्त्र बलों की युद्ध तैयारी को नई ऊंचाई देंगे. सीमाओं पर मजबूत संदेश देंगे. आगे इन प्रस्तावों को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की मंजूरी मिलने के बाद ठेके दिए जाएंगे.

