भोपाल
मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के सभी 62 जिला अध्यक्षों का चुनाव हो गया है। अब सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव ही बाकी है। पार्टी ने पहले ही केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है और उम्मीद जताई जा रही है कि वे जल्द ही मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन रेस में अब सबसे आगे बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल का नाम तेजी से आगे आया है। खंडेलवाल को संघ, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पार्टी के अन्य नेताओं का समर्थन मिल रहा है। हेमंत खंडेलवाल के पिता स्व. विजय खंडेलवाल भी भाजपा के नेता थे, जिससे उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि मजबूत और पार्टी से बहुत गहरा जुड़ाव है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार हेमंत खंडेलवाल के संघ से जुडे होने और विवादों से दूर रहने के चलते पार्टी अब धीरे धीरे उनके नाम पर सहमति बना रही है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल पांच साल का हो चुका है और उन्हें फिर से मौका मिलने की संभावना कम है। बताया जा रहा है कि अध्यक्ष पद के लिए हेमंत खंडेलवाल पहली पसंद बन गए हैं। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा अध्यक्ष के चुनाव के लिए भी जातिगत समीकरणों को साधना चाहेगी।
ऐसे में संभावना है कि नया अध्यक्ष सामान्य, आदिवासी या महिला वर्ग से हो सकता है, क्योंकि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के बाद डिप्टी सीएम और मंत्रियों के लिए भी जातिगत समीकरणों का पूरा ध्यान रखा था। अभी अध्यक्ष पद की रेस में कई सीनियर नेता भी दावेदार हैं। ऐसे में देखना होगा कि भाजपा सीनियर नेता को कमान सौंपती है या फिर किसी नए चहेरे पर दांव लगाती है।
नरोत्तम मिश्रा- पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है। वह सवर्ण वर्ग से आते हैं और राज्य की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं। उनकी केंद्रीय नेतृत्व से भी अच्छी ट्यूनिंग मानी जाती है।
फग्गन सिंह कुलस्ते- पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता फग्गन सिंह कुलस्ते आदिवासी वर्ग से आते हैं और मध्य प्रदेश में आदिवासी वर्ग की अहमियत को देखते हुए उनकी दावेदारी काफी मजबूत हो सकती है।
वीडी शर्मा– वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का नाम भी रेस में हैं, क्योंकि उनके कार्यकाल में बीजेपी ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था। पार्टी एक बार फिर उनके नाम पर विचार कर सकती है।
अरविंद भदौरिया- पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया संगठन के एक कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं। हालांकि, वह 2023 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे, लेकिन पार्टी उन्हें एक बार फिर सक्रिय करना चाहती है।