छत्तीसगढ़ में सरकारी छात्रावास और आश्रमों की मरम्मत के नाम पर बिना काम किए ही 2.90 करोड़ रुपये कर दिया भुगतान

कोरबा

जिला खनिज न्यास मद (डीएमएफ) घोटाले में जेल में बंद छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक अधिकारी माया वारियर का एक और घोटाला सामने आया है। कांग्रेस शासन के दौरान वारियर कोरबा जिले में आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त के पद पर पदस्थ थीं।

33 सरकारी छात्रावास और आश्रमों की मरम्मत के नाम पर बिना काम किए ही उन्होंने चार ठेकेदारों को 2.90 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया। वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्र के विकास कार्य के लिए छह करोड़ 65 लाख रुपये की स्वीकृत दी थी।

4.36 करोड़ रुपये से कोरबा जिले में संचालित सरकारी छात्रावास व आश्रमों की मरम्मत के कार्य का स्टीमेट तैयार किया गया। एकीकृत आदिवासी विकास विभाग परियोजना कोरबा ने चार कंपनी साईं कृपा बिल्डर्स, बालाजी इंफ्रास्ट्रक्चर, एसएस कंस्ट्रक्शन और साईं इंफोटेक को जर्जर छत की मरम्मत, टूटे खिड़की दरवाजों को बदलने समेत अन्य सिविल वर्क का काम दिया गया था।

 

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