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15 दिनों में 13 हजार राशन दुकानों की जांच मुश्किल, CG में चावल घोटाला छुपाने को कर रहे लेटलतीफी

रायपुर
प्रदेश की 13 हजार राशन दुकानों में ऑनलाइन स्टॉक और गोदाम में रखे स्टॉक में अंतर की जांच अब तक शुरू नहीं हो पाई है। यह स्थिति तब है जब बचत स्टॉक के सत्यापन और डेटा एंट्री 10 अप्रैल, 2025 तक पूरा की जानी है। राशन दुकानों की जांच दल में खाद्य विभाग के साथ गृह विभाग और सहकारिता के सदस्यों को रखा जाएगा। इसके लिए 13 फरवरी को आदेश जारी किया गया था। यह सत्यापन एक मार्च 2025 की स्थिति में किया जाना है। इस तरह 13 हजार राशन दुकानों की जांच 15 दिनों में किया जाना मुश्किल है।

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जांच में देरी का फायदा गड़बड़ी करने वाले राशन दुकान संचालक उठा रहे हैं। बता दें कि राजधानी की अधिकांश राशन दुकानों में वास्तविक स्टॉक में गड़बड़ी है। इसलिए जांच को अटकाया जा रहा है।

महिला समितियों ने कलेक्टर से की शिकायत
सोमवार को कई महिला समितियों ने कलेक्टर से मिलकर फर्जी अध्यक्ष का वीडियो दिखाकर जांच की मांग की है। वीडियो में संघ का फर्जी अध्यक्ष महिलाओं को धमका कर खुद राशन दुकान चालने का दवाब बना रहा है। मामले में कलेक्टर ने खाद्य नियंत्रक को जांच करने के लिए कहा है। महिलाओं ने बताया कि फर्जी अध्यक्ष पूर्व विधायक के नाम से दुकानों पर कार्रवाई करवाने की धमकी देकर खुद दुकानें हथिया लेता था। इसके बाद दुकानों से लाखों की चावल की हेराफेरी करता था। इसके बाद खाद्य अधिकारियों से मिलकर दुकानें निलंबित करकर अपनी संस्था में जुड़वाता है।
 
फिर हुई करोड़ों के चावल घोटाले की शिकायत
खमतराई राशन दुकान में एपीएल घोटला और बिना स्टॉक के वितरण दिखाने वाले राशन दुकान संचालक के खिलाफ दो साल पहले की गई शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। अब फिर से मामले की शिकायत ईओडब्लू में की गई है।

 

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