कुंभ मेला की जगह अगर वक्फ की संपत्ति है तो इसमें क्या दिक्कत है, मुस्लिम धर्मगुरु बोले- एक पड़ोसी दूसरे के आता है काम

मुरादाबाद
यूपी के प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कुंभ मेले वाली जमीन को वक्फ की जमीन बताते हुए किए जा रहे दावों को लेकर राजनीति गरमाती जा रही है। इस मामले पर मुस्लिम धर्मगुरु इन्तेज़ाब कादिरी ने कहा कि कुंभ मेला की जगह अगर वक्फ की संपत्ति है तो इसमें क्या दिक्कत है। एक पड़ोसी दूसरे पड़ोसी की समस्या को हल कर दे, इसमें क्या हर्ज है। यह कोई जताने वाली बात नहीं है। यह तो अच्छी बात है।

कादिरी ने कहा कि हमारी कोई चीज दूसरे के काम आ गई है। भारत की यही खूबी है यह हमेशा से चला आया है। ऐसे ही देश चलेगा। अगर सुकून से जीना है तो एक दूसरे के लिए दिलों में मोहब्बत रखनी होगी। इसी फॉर्मूले पर हमारी पीढ़ी भी जी सकेगी। हम रुकावटें खड़ीं करके आराम और सुकून से नहीं रह सकते हैं। अगर सुकून चाहते हैं तो एक दूसरे के लिए हमदर्दी रखनी पड़ेगी। एक दूसरे के लिए दिलों में गुंजाइश रखनी होगी।

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के बारे में कहा कि कुछ लोग पहचान बनाने के लिए ऐसे ही हथकंडे का इस्तेमाल करते हैं। कुछ ऐसा कह देते हैं कि जिससे लोगों में हलचल होगी। एक पुरानी कहावत है कि बदनाम होंगे तो क्या, नाम होगा। ऐसे लोगों की बात को एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल दें। ऐसे बयान देने वालों से होशियार और दूर रहने की सलाह दी है।

ज्ञात हो कि आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बीते दिनों एक बयान जारी कर महाकुंभ के मेले की जमीन को वक्फ बताया है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के निवासी सरताज ने दावा किया है कि कुंभ के मेले की जहां तैयारियां की जा रही है वो जमीन वक्फ की संपत्ति है।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जमीन लगभग 54 बीघा बताई जा रही है। समुदाय विशेष के लोगों ने बड़ा दिल दिखाते हुए कोई आपत्ति नहीं दर्ज की है। कुंभ मेले के सारे इंतेजाम इसी वक्फ की जमीन पर हो रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ अखाड़ा परिषद और दूसरे बाबा लोग समुदाय विशेष के लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे है। उन्हें इस तरह की सोच को छोड़ना होगा और समुदाय विशेष की तरह बड़ा दिल दिखाना होगा।

 

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