किशोर मानसिक स्वास्थ्य पर समग्र प्रयासों की आवश्यकता: उप मुख्यमंत्री शुक्ल
पूर्ण स्वास्थ्य केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य की समग्र स्थिति
‘आई सपोर्ट माय फ्रैंड्स’ मॉड्यूल और ‘नेशनल फैक्ट शीट ऑन एडोलेसेंट मेंटल हेल्थ’ का किया विमोचन
भोपाल
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि पूर्ण स्वास्थ्य केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य की समग्र स्थिति है। किशोरों में बढ़ते मानसिक दबावों को देखते हुए समय रहते सटीक हस्तक्षेप आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के समाधान संभव हैं, और इस दिशा में विशेषज्ञ मंथन और युवा संवाद जैसे प्रयासों से आउटरीच को गति मिलेगी। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कारणों और प्रभावों की पहचान के साथ-साथ मेडिकल और सामाजिक हस्तक्षेप के बिंदु भी चिन्हित किए जाएंगे।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि भारत शीघ्र ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है, और 2047 तक एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित होगा। समृद्धि के साथ मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता और भी बढ़ जाती है। ऐसे में युवाओं को सही मानसिक दिशा देने के लिए ऐसी पहलें अत्यंत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि किशोर आज शैक्षणिक दबाव, पारिवारिक अपेक्षाओं और सामाजिक चुनौतियों के बीच मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं। ऐसे में उनके लिए सहायक तंत्र का निर्माण आवश्यक है, जहां वे खुलकर बात कर सकें, सुने जाएं और समर्थन महसूस कर सकें। मानसिक स्वास्थ्य में निवेश न केवल एक नीति प्राथमिकता है, बल्कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी और साझा भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता है।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य ढांचा तेज़ गति से विकसित हो रहा है। वर्ष 2003 में जहां 5 मेडिकल कॉलेज थे, आज 17 हो चुके हैं। अगले वर्ष 2 और आगामी वर्षों में 6 मेडिकल कॉलेजों की स्थापना प्रक्रिया में हैं। प्रदेश सरकार ‘राइट टू स्क्रीनिंग’ के माध्यम से बीमारियों की समय पर पहचान और निवारण सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रही है। टेलीमेडिसिन सेवाओं से सीएचसी/पीएचसी में जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने ‘आई सपोर्ट माय फ्रेंड्स’ मॉड्यूल और ‘नेशनल फैक्ट शीट ऑन एडोलेसेंट मेंटल हेल्थ’ का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि ‘आई सपोर्ट माय फ्रेंड’ जैसे प्रयास युवाओं को मानसिक रूप से सशक्त करने में सहायक होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि विशेषज्ञों और युवाओं द्वारा दिए गए सुझावों को क्रियान्वयन के लिए आगे बढ़ाया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यूनिसेफ और निमहांस के सहयोग से ‘राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के अंतर्गत ‘आई सपोर्ट माय फ्रैंड्स’ नामक नया प्रशिक्षण मॉड्यूल लॉन्च किया गया। यह एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम किशोरों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता हेतु सक्षम बनाने के लिए तैयार किया गया है। यह मॉड्यूल ‘लुक, लिसन, लिंक’ रूपरेखा पर आधारित है, जिसे स्कूलों, समुदायों और किशोर समूहों में क्रियान्वयन के लिए डिज़ाइन किया गया है।
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने किशोर स्वास्थ्य को विकास का महत्वपूर्ण घटक बताया। उन्होंने कहा कि किशोर सशक्त भविष्य की आधारशिला हैं। मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की पहल समय की मांग है। आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी विभागों को समन्वित रूप से कार्य करना चाहिए। मिशन संचालक , एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना ने मध्यप्रदेश ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में चल रहे नवाचारों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति पर विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। युवा प्रतिनिधियों द्वारा अनुभव साझा किए गए। मानसिक रोगों से जुड़ी सामाजिक कलंक की समाप्ति के लिए संवाद और विमर्श किया गया।