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मध्यप्रदेश में किसानों की आर्थिक समृद्धि का आधार बनी उद्यानिकी फसलें

भोपाल

उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में जिस गति से मध्यप्रदेश ने अपनी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बनाई है, उससे प्रदेश की उद्यानिकी फसलों के प्रति देश और विदेशों में खासी मांग भी बढ़ रही है। इससे प्रदेश के किसानों को आर्थिक संबल भी मिल रहा है। मध्यप्रदेश उद्यानिकी के साथ खाद्य प्र-संस्करण का मुख्य हब बन कर उभरा है। गत फरवरी माह में भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों से उद्यानिकी क्षेत्र में 4 हजार करोड़ रूपये से अधिक का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। यह निवेश प्रस्ताव मध्यप्रदेश के उद्यानिकी क्षेत्री में हुए नवाचारों और बड़े पैमाने पर हो रहे उत्पादन को दर्शाता हैं।

मध्यप्रदेश में गत 5 वर्षों में उद्यानिकी के रकबा में 23.72 प्रतिशत वृद्धि हुई। वर्ष 2019-20 में उद्यानिकी फसलों का रकबा 21.75 लाख लाख हेक्टेयर था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 26.91 लाख हैक्टेयर हो गया है। मध्यप्रदेश में गत 20 वर्षों में छोटे के साथ बड़ी कृषि-जोत रखने वाले किसान भाइयों ने 'कैश-क्रॉप' के रूप में उद्यानिकी फसलों को लेना शुरू कर दिया है इस कारण उद्यानिकी फसलों (फल, सब्जी, मसाला पुष्प एवं औषधियों) का रकबा 4 लाख 67 हजार हैक्टेयर से 27 लाख 71 हजार हैक्टेयर यानिकी लगभग 500 प्रतिशत की तथा उत्पादन 35 लाख 40 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 417 लाख 89 हजार मीट्रिक टन हो गया। इस तरह उत्पादन में 1000 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश उद्यानिकी के साथ खाद्य प्र-संस्करण का मुख्य हब बन रहा है।

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