चुनावी हलफनामे में जानकारी छुपाने के मामले में आरिफ मसूद को आखिरी मौका, हाईकोर्ट ने बताई तारीख

भोपाल
 भोपाल सेंट्रल सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उन्हें गवाहों की सूची पेश करने का आखिरी मौका दिया है। यह मामला उनके बीजेपी प्रतिद्वंद्वी ध्रुव नारायण सिंह द्वारा दायर चुनाव याचिका से जुड़ा है।

दरअसल, ध्रुव नारायण सिंह ने मसूद पर आरोप लगाया है कि उन्होंने नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में एसबीआई से लिए गए लोन की जानकारी छुपाई। यह मामला शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए आया था। अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी।

ध्रुव नारायण सिंह ने अपनी याचिका में मसूद पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एसबीआई की अशोका गार्डन शाखा से खुद और अपनी पत्नी द्वारा लिए गए लोन की जानकारी छुपाई। यह जानकारी उन्होंने नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में नहीं दी। मसूद ने इस याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने एसबीआई की अशोका गार्डन शाखा से कभी कोई लोन नहीं लिया। सुप्रीम कोर्ट ने एमपी हाईकोर्ट को लोन दस्तावेजों की जांच करने और उनकी सत्यता का पता लगाने को कहा है।

पिछली सुनवाई में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

पिछली सुनवाई में जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने दो मुद्दों पर विचार करने का फैसला किया था। पहला, मसूद द्वारा चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में गलत जानकारी देना। दूसरा, भोपाल सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र की प्रमाणित मतदाता सूची। कोर्ट ने दोनों पक्षों से मामले में गवाहों की सूची पेश करने को कहा था। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मसूद को गवाहों की सूची पेश करने का आखिरी मौका दिया है। अब उन्हें 22 जनवरी की अगली सुनवाई से पहले अपनी गवाहों की सूची कोर्ट में पेश करनी होगी।

क्या बोले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद

मसूद ने कहा है कि उन्होंने एसबीआई से कोई लोन नहीं लिया। वे इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को लोन दस्तावेजों की जांच करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट भी इस मामले में सभी मुख्य बिंदुओं पर विचार कर रहा है।

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