Headlines

हजारों वर्ष पुराने मुड़िया बौद्ध मठ के रास्ते से अतिक्रमण हटाने के HC ने कलेक्टर को दिए निर्देश

जबलपुर

जबलपुर के गोपालपुर के पास स्थित मौर्यकालीन प्राचीन बौद्ध मठ के पहुंच मार्ग से अतिक्रमण हटाने के लिए हाईकोर्ट ने जबलपुर कलेक्टर को अंतरिम आदेश जारी किए हैं। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने यह आदेश उस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए, जिसमें मठ से जुड़े रास्ते पर अतिक्रमण कर आवाजाही बंद करने की शिकायत की गई थी।

याचिका बौद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के रीजनल हेड सुखलाल वर्मा और अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष दादा बैजनाथ कुशवाहा की ओर से दायर की गई थी। इसमें कहा गया है कि लम्हेटा घाट स्थित मुड़िया बौद्ध मठ हजारों वर्ष पुराना मौर्यकालीन बौद्ध स्थल है। इसके पास की 32 एकड़ शासकीय भूमि पर कथित रूप से भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया है और मठ तक पहुंचने का मार्ग अवरुद्ध कर दिया है।

याचिका में उल्लेख किया गया कि 27 जनवरी 2021 को तत्कालीन कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मप्र टूरिज्म बोर्ड को पत्र भेजकर मठ के विकास के लिए बजट स्वीकृति का अनुरोध किया था। इससे पहले 15 जून 2012 को म.प्र. शासन के पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय विभाग ने इस स्थल को प्राचीन स्मारक घोषित करने की अधिसूचना जारी की थी। 1 अप्रैल 2015 को इस स्थल को अंतिम रूप से संरक्षित स्मारक घोषित करने का अनुरोध भी संस्कृति विभाग को भेजा गया, लेकिन अब तक शासन स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

अतिक्रमण के खिलाफ स्थानीय स्तर पर पत्राचार और धरना-प्रदर्शन भी हुए, लेकिन जब कार्रवाई नहीं हुई, तो यह याचिका दाखिल की गई। याचिका में मप्र शासन के प्रमुख सचिव (राजस्व), प्रमुख सचिव (पुरातत्व), प्रमुख सचिव (धार्मिक न्यास), सचिव (पर्यटन एवं संस्कृति विभाग), कलेक्टर जबलपुर, एसडीओ (राजस्व), तहसीलदार, नगर निगम अधिकारी भेड़ाघाट और निजी पक्षों रीता सेंगर, गुंजन नंदा, सोनिया नारंग व आरडीएम केयर इंडिया प्रा. लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर अंगददीप सिंह नारंग को अनावेदक बनाया गया है।

 

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *