गुरुजी को अंतिम नमन: श्राद्ध कर्म में उमड़ने की उम्मीद, प्रशासन अलर्ट

रांची

झारखंड के रामगढ़ में स्थित पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के पैतृक गांव नेमरा में शनिवार को होने जा रहे श्राद्ध कर्म के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। राज्य की राजधानी रांची से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में होने जा रहे श्राद्ध कर्म में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई गणमान्य लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।

बताया जा रहा है कि लोगों की संभावित भारी भीड़ को देखते हुए, सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। लोगों की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के प्रबंधन के लिए नेमरा में एक समर्पित नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।'' सुरक्षा के लिए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 10 अधिकारी, 60 पुलिस उपाधीक्षक, 65 निरीक्षक और 2,500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस, प्रशासनिक कर्मचारियों और स्वयंसेवकों वाली बहु-एजेंसी टीम प्रभावी भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन परिस्थिति और कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे कार्यरत रहेंगी।'' श्राद्ध कर्म के लिए आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वरिष्ठ अधिकारियों को परिवहन, स्वच्छता, भोजन वितरण, स्वास्थ्य सेवा, आवास और जन सुरक्षा जैसी सेवाओं के लिए निर्बाध समन्वय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुविधाजनक आवाजाही के लिए 300 से अधिक ई-रिक्शा निर्धारित पार्किंग क्षेत्रों और कार्यक्रम स्थल के बीच चलाए जाएंगे। तीन बड़े पार्किंग क्षेत्र विकसित किए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक में जैव शौचालय बनाए गए हैं। इसके अलावा, आगंतुकों की सुविधा के लिए विश्राम स्थल और विशेष पैदल मार्ग भी बनाए गए हैं।'' तीन बड़े भोजन पंडालों में खानपान की व्यवस्था की गई है, जहां पारंपरिक श्राद्ध भोजन और प्रसाद परोसा जाएगा। गुरुजी के नाम से प्रख्यात रहे शिबू सोरेन के जीवन और योगदान की स्मृति में एक विशेष प्रदर्शनी और स्मृति दीर्घा भी स्थापित की जा रही है। इस प्रदर्शनी में दुर्लभ तस्वीरें, ऐतिहासिक दस्तावेज और उनके राजनीतिक जीवन के प्रमुख पड़ाव प्रदर्शित किए जाएंगे, जिनमें आदिवासी कल्याण और जनसेवा में उनके योगदान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। श्राद्ध कर्म में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।

विशाल जनसैलाब के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। लगभग 8 से 10 विशाल वाटरप्रूफ पंडालों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से प्रत्येक में एक समय में 5,000 लोग आराम से बैठकर भोजन कर सकेंगे। मेहमानों की सुविधा और सम्मान का पूरा ध्यान रखा गया है। संस्कार भोज में झारखंडी संस्कृति और स्वाद की झलक देखने को मिलेगी। रांची और बंगाल के 1,000 से अधिक अनुभवी कुक और वेटर मेहमानों की सेवा में तत्पर रहेंगे। मेन्यू में पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजनों की एक लंबी सूची है, जिसमें दही-चूड़ा-गुड़, दाल तड़का, साग, बैंगन भाजी, पूरी, कचौड़ी, मिक्स वेज, आलू-बैंगन, मटर पनीर, कोंहड़ा-आलू, बुंदिया, रायता जैसे शाकाहारी व्यंजन शामिल हैं। इसके साथ ही, मांसाहार पसंद करने वालों के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है। अति विशिष्ट, विशिष्ट और आम अतिथियों के लिए अलग-अलग भोजन क्षेत्र बनाए गए हैं ताकि व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे। यह संस्कार भोज सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि झारखंड की सामूहिक संस्कृति, गुरुजी के प्रति अटूट सम्मान और उनकी विरासत को याद करने का एक सशक्त माध्यम बन रहा है। इस आयोजन में शामिल होने वाला हर व्यक्ति गुरुजी के योगदान को नमन करेगा और उनकी प्रेरणा को आगे बढ़ाएगा।

 

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