सरकार का बड़ा कदम: पराली जलाने वाले किसानों की जमीन पर लगेगा ‘लाल निशान’

संगरूर/बरनाला
धान की पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण रूप से लगाम कसने के लिए, जिला प्रशासन बरनाला हर संभव प्रयास कर रहा है। जिला उपायुक्त (डी.सी.) टी. बेनिथ पिछले एक सप्ताह से रोजाना जिले के विभिन्न गांवों का दौरा कर रहे हैं और पराली जलाने के मामलों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं। इसी कड़ी में जब डी.सी. बरनाला टी. बेनिथ गश्त कर रहे थे, तो उन्होंने गांव पक्खो कलां में खेतों में लगी आग देखी। उन्होंने तुरंत फायर इंजन की मदद ली और स्वयं मौके पर जाकर आग बुझाई। इस दौरान, उन्होंने जोर देकर कहा कि जिला बरनाला में किसी भी कीमत पर आग नहीं लगने दी जाएगी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
 
किसानों पर होगी बड़ी कार्रवाई
डी.सी. ने स्पष्ट किया कि जो किसान खेतों में आग लगाएंगे, उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे:
* उनकी 'फर्द' (जमीन के रिकॉर्ड/जमाबंदी) में 'लाल एंट्री' (एक प्रकार का प्रतिकूल या नकारात्मक रिकॉर्ड) दर्ज की जाएगी।
* उनका चालान काटा जाएगा।
* उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की जाएगी।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे पराली को आग न लगाएं, बल्कि इसका खेतों में ही उचित प्रबंधन करें, जिससे पर्यावरण को बचाया जा सके।

डी.सी. ने कहा कि पराली जलाने पर जीरो टॉलरैंस नीति अपनाई जा रही है। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की। उनकी लापरवाही के कारण खेतों में आग लगी, जिसके लिए आज 5 कर्मचारियों को चार्जशीट किया गया है। डी.सी. ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे धान की पराली जलाने के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए जीरो टॉलरैंस नीति का सख्ती से पालन करें।

डी.सी. बरनाला ने बताया कि अब तक जिला बरनाला में पराली जलाने के मामलों में 23 पुलिस केस (एफआईआर) दर्ज किए गए हैं। कुल 1.20 लाख रुपए का जुर्माना (चालान) किया गया है। डीसी ने सेखा, झालूर, नंगल, भद्दलवड़, संग्हेड़ा, भोतना, टल्लेवाल, भदौड़, शहना, कोठे गिल, उगोके, ढिलवां, पक्खोके और चीमा सहित कई गांवों का दौरा किया और अधिकारियों व कर्मचारियों से बातचीत कर उन्हें सख्त हिदायतें दीं।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *