विदेश मंत्री जयशंकर का साफ संदेश – पाकिस्तान से बातचीत द्विपक्षीय, ट्रंप का दावा खारिज

नई दिल्ली 
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर वाले दावों को एक बार फिर से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि लगभग 50 सालों से भारत की नीति रही है कि हम पाकिस्तान के साथ रिश्तों में किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करते हैं। विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पूरा ट्रंप प्रशासन भारत और पाकिस्तान के बीच में सीजफायर का क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं।

ईटी के फोरम पर बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "जहां तक भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का मुद्दा है, तो 1970 के दशक से लेकर अभी तक 50 साल हो चुके हैं। भारत का सीधा कहना है कि हम पाकिस्तान के साथ मुद्दों पर मध्यस्थता स्वीकार नहीं करते हैं।" पाकिस्तान और अमेरिका की बढ़ती घनिष्ठता के सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे लिए यह हालात पहली बार नहीं है। उन्होंने कहा, "उन दोनों देशों की एक-दूसरे के साथ इतिहास रहा है… उनका एक दूसरे का इतिहास भुलाने का भी इतिहास रहा है। यह पहली बार नहीं है, जब हम ऐसा कुछ देख रहे हैं। आज किसी को वहां पर एक सेना सर्टिफिकेट दे रही है, वही सेना कुछ साल पहले एबटाबाद में घु्सी थी, सभी को पता है वहां पर कौन मिला था। जब देश राजनीति करते हैं, तो ऐसे हालात बनते हैं। यह रणनीतिक भी हो सकते और अन्य तरीके के भी।"

विदेश मंत्री ने इसके बाद ट्रेड, किसानों और संप्रभुता के मुद्दे पर सरकार की नीति को साफ किया। उन्होंने कहा, “जब बात हमारे व्यापार, हमारी संप्रभुता और हमारे किसानों के हितों की या मध्यस्थता (पाकिस्तान के साथ) को लेकर आ जाती है, तो हमारी नीति एक दम साफ है। अगर कोई भी इससे सहमति नहीं रखता है, तो वह भारत के लोगों को बता सकता है कि वह भारत की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए तैयार नहीं है, या फिर वह किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए तैयार नहीं है। हम अपनी नीतियों पर कायम हैं, और इनकी रक्षा के लिए हमें जो करना होगा हम वह करेंगे।”

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *