Headlines

मनरेगा की पहल से बदली तक़दीर—निजी डबरी ने त्रिपतीनाथ केवट को दी नई रोज़गार राह

रायपुर

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत स्वीकृत हितग्राही मूलक निजी डबरी निर्माण कार्य ने जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम पंचायत बनाहिल, जनपद पंचायत अकलतरा निवासी त्रिपतीनाथ केवट के जीवन में सकारात्मक और स्थायी परिवर्तन ला दिया है। सीमित संसाधनों और जलाभाव से जूझ रहे इस परिवार के लिए आजीविका हमेशा अस्थिर बनी रहती थी, किंतु निजी डबरी के निर्माण ने उनके जीवन को नई दिशा दी है।

वर्ष 2024 में स्वीकृत इस कार्य के माध्यम से जहां एक ओर 842 मानव दिवस का सृजन हुआ, वहीं 58 श्रमिक परिवारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हुआ। इस निर्माण कार्य ने ग्राम में रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ-साथ जल संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

पूर्व में अनुपयोगी एवं सूखी पड़ी भूमि आज जल से परिपूर्ण डबरी के रूप में आजीविका का स्थायी साधन बन चुकी है। डबरी के निर्माण के पश्चात त्रिपतीनाथ केवट द्वारा मछली पालन प्रारंभ किया गया, जिससे उन्हें नियमित आय प्राप्त हो रही है। इसके अतिरिक्त डबरी में संचित जल से बाड़ी एवं आसपास की कृषि भूमि की सिंचाई संभव हो सकी है, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भू-जल स्तर में भी सुधार दर्ज किया गया है।

हितग्राही केवट बताते हैं कि पहले जीवन रोज़ी-रोटी की चिंता में बीतता था, जबकि आज मेहनत का प्रतिफल सुनिश्चित आय के रूप में मिल रहा है और बच्चों के भविष्य को लेकर विश्वास बढ़ा है। डबरी के आसपास पपीता के पौधे लगाए गए हैं, जिनसे नियमित खेती की जा रही है, वहीं मेड़ पर अरहर की फसल लेकर अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त की जा रही है।

ग्राम पंचायत के सरपंच एवं रोजगार सहायक के अनुसार यह कार्य केवल एक संरचना निर्माण नहीं, बल्कि एक परिवार को आत्मनिर्भर बनाने की मजबूत नींव है। यह उदाहरण दर्शाता है कि मनरेगा केवल मजदूरी उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि जल संरक्षण, कृषि विस्तार और स्थायी आजीविका के माध्यम से ग्रामीण परिवारों को सम्मानजनक जीवन प्रदान कर रही है।

आज निजी डबरी त्रिपतीनाथ केवट के लिए मात्र एक जलस्रोत नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, स्वाभिमान और बेहतर भविष्य का सशक्त प्रतीक बन चुकी है।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *