फर्जी ओएसडी बन साइबर ठग की करतूत: दारोगा की तैनाती को लेकर एसपी से की सिफारिश

गोपालगंज

गोपालगंज जिले में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। साइबर ठग ने खुद को मुख्यमंत्री सचिवालय का ओएसडी डॉ. गोपाल सिंह बताकर गोपालगंज एसपी अवधेश दीक्षित से सीधे संपर्क साधा। फिर एक दारोगा की एसएचओ पद पर पोस्टिंग की सिफारिश कर दी। ठग ने न केवल फोन किया बल्कि एसपी के सरकारी वाट्सएप नंबर पर मैसेज भी भेजे। मामला गंभीर होने पर एसपी ने तुरंत इसे संज्ञान में लिया और साइबर थाना को जांच व प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
 
शाम सात बजे आया फर्जी मैसेज
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह घटना 12 अगस्त की शाम करीब सात बजे हुई। एसपी के सरकारी वाट्सएप नंबर पर संदेश आया, जिसमें ठग ने खुद को सीएम हाउस का ओएसडी बताते हुए एक विशेष दारोगा को एसएचओ बनाने की सिफारिश की। एसपी ने मामले को संदिग्ध मानते हुए साइबर थाना को अलर्ट किया।
 
जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
साइबर थाना प्रभारी डीएसपी अवंतिका दिलीप कुमार ने तकनीकी जांच शुरू की। प्रारंभिक विश्लेषण में स्पष्ट हो गया कि कॉल और मैसेज पूरी तरह फर्जी थे। जांच में इस बात के भी संकेत मिले कि यह कोई अकेले का काम नहीं बल्कि संगठित गिरोह की साजिश हो सकती है। पुलिस ने फर्जी संदेश भेजने वाले की पहचान कर ली है और उसके खिलाफ फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और साइबर अपराध की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
 
दारोगा पर भी गिरी गाज
इस मामले में जिस दारोगा के नाम पर पैरवी की गई थी, उसकी भूमिका भी जांच के दायरे में आ गई है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या वह इस साजिश में शामिल था या फिर उसका नाम केवल अनजाने में इस्तेमाल किया गया।

‘फर्जी पैरवी बर्दाश्त नहीं होगी’
एसपी अवधेश दीक्षित ने साफ कहा कि पुलिस तंत्र में इस तरह सेंध लगाने की कोशिश करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी फर्जी पैरवी किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है। दोषियों की पहचान कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।

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