नई दिल्ली
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जब से शुरू हुई है तब से इसका फाइनल मैच इंग्लैंड में ही खेला गया। अभी तक खेले तीन फाइनलों में से एक में भी इंग्लैंड की टीम नहीं पहुंची है। आईसीसी ने ये पहले ही तय कर दिया था कि चैंपियनशिप के शुरुआती तीन फाइनल इंग्लैंड की मेजबानी में होंगे। फिर संभावना जताई जा रही थी कि अब आईसीसी इसका वेन्यू बदलेगा और किसी अन्य देश को मेजबानी सौंपेगे। इस बारे में क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था ने फैसला कर लिया है। आईसीसी की सिंगापुर में हुई वार्षिक आम बैठक में फैसला किया गया है कि 2031 तक होने वाले वर्ल़्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच इंग्लैंड में ही खेले जाएंगे। यानी अगले तीन एडिशंस के फाइनल भी इंग्लैंड के मैदानों पर होंगे।
इस कारण लिया फैसला
इसकी मेजबानी की रेस में ऑस्ट्रेलिया और भारत भी थे। बीसीसीआई के पूर्व सचिन जय शाह आईसीसी के चेयरमैन है और इसलिए उम्मीद जताई जा रही थी कि हो सकता है कि भारत को मेजबानी मिल जाए, लेकिन बीसीसीआई को निराशा हाथ लगी है। आईसीसी ने इंग्लैंड में ही फाइनल कराने के पीछे तर्क दिया है कि इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड का पिछले तीन फाइनल का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है। साल 2021 में पहला फाइनल साउथैम्पटन में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। दूसरा फाइनल द ओवल में साल 2023 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था। तीसरा फाइनल इसी साल ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच लॉर्ड्स में खेला गया था।
आईसीसी ने अपने बयान में कहा, "हाल ही में हुए फाइनल मैचों की मेजबानी के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए बोर्ड 2027, 2029 और 2031 में होने वाले आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की मेजबानी भी इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड को देने की पुष्टि करता है।"
इंग्लैंड को जीतना होगा खिताब
अभी तक तीनों फाइनलों में इंग्लैंड की टीम नहीं देखी गई है जबकि उसने बैजबॉल के नाम से काफी हाइप बनाया है। अब ये देखना होगा कि बेन स्टोक्स की कप्तानी वाली इंग्लैंड अगले तीन संस्करणों में से कितनी बार फाइनल में पहुंचने में सफल रहती है। इंग्लैंड की टीम भी खिताब जीतने की हकदार है।