झूठे नैरेटिव पर सख़्त EC, राहुल गांधी को दी शब्दों में संयम बरतने की सलाह

नई दिल्ली
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से वोटर लिस्ट में धांधली का आरोप लगाने और एक व्यक्ति एक वोट की लड़ाई लड़ने के दावे पर चुनाव आयोग का जवाब आया है। इलेक्शन कमिशन ने गुरुवार को राहुल गांधी को याद दिलाते हुए कहा कि देश में एक वोट एक व्यक्ति का सिद्धांत तो 1951-52 में हुए पहले आम चुनाव के दौर से ही लागू है। भारत में अंग्रेजों से आजादी मिलने और लोकतंत्र लागू होने के बाद 1952 में ही पहले चुनाव हुए थे। आयोग ने कहा कि एक व्यक्ति एक वोट जैसी बात कोई नई चीज तो नहीं है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि किसी के पास कोई सबूत है कि किसी व्यक्ति ने दो बार किसी चुनाव में वोट डाला है तो फिर उसकी जानकारी शेयर की जाए। आयोग ने कहा कि कोई भी व्यक्ति ऐसी जानकारी मिलने पर एफिडेविट के साथ चुनाव आयोग से संपर्क कर सकता है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि यही सही तरीका है। यदि इसकी बजाय बिना किसी सबूत के चुने हुए प्रतिनिधियों को चोर बताया गया तो यह गलत होगा। इससे भारत की चुनाव प्रक्रिया असर होगा और उसका सम्मान कम हो जाएगा।

राहुल गांधी के लगातार हमलों के बीच आयोग ने गुरुवार को कहा कि 'वोट चोरी' जैसे गंदे शब्दों का इस्तेमाल करके झूठे विमर्श गढ़ने के बजाय सबूत दिए जाने चाहिए। आयोग ने एक बयान में कहा कि "एक व्यक्ति एक वोट" का कानून 1951-1952 में हुए पहले चुनावों से ही अस्तित्व में है। बयान में आगे कहा गया है कि भारतीय मतदाताओं के लिए "वोट चोरी" जैसे "गंदे वाक्यांशों" का उपयोग करके झूठा विमर्श गढ़ने की कोशिश करना न केवल करोड़ों भारतीय मतदाताओं बल्कि लाखों चुनाव कर्मचारियों की ईमानदारी पर भी सीधा हमला है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने पिछले सप्ताह आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि 2024 के चुनावों में बेंगलुरु मध्य लोकसभा के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से अधिक वोट 'चोरी' हुए, जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई। आयोग ने गांधी को उनके दावों के संबंध में लिखित शपथ पत्र पेश करने के लिए कहा था।

 

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