Headlines

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान विपक्ष ने वक्फ बोर्ड, समेत कई मुद्दों पर सड़क तक करेंगे आंदोलन

नई दिल्ली
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने वक्फ बोर्ड, मतदाता समेत कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को वापस लेने की मांग की। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर कहा, "सरकार को इसे वापस लेना चाहिए। सरकार को जिद्दी नहीं होना चाहिए। देश के एक तरफ पच्चीस करोड़ लोग खड़े हैं, सिर्फ एक कानून का विरोध कर रहे हैं तो इसे लागू क्यों किया जाए? फिर भी सरकार इसे जबरदस्ती लागू कर रही है। सरकार को बिल वापस लेना चाहिए, हम इसका विरोध करेंगे और संसद से सड़क तक आंदोलन करेंगे।"

धर्मेंद्र यादव ने आगे कहा, "समाजवादी पार्टी और हमारे नेता अखिलेश यादव की ओर से मैं यह कहना चाहता हूं कि हमारी पूरी पार्टी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा जंतर-मंतर पर आयोजित विरोध प्रदर्शन का पूर्ण समर्थन करती है। प्रदर्शनकारियों द्वारा उठाई गई चिंताएं पूरी तरह से जायज हैं। ऐसा लगता है कि देश में ऐसा पहला मामला है, जहां एक समुदाय के हित के लिए कानून बनाया जा रहा है, लेकिन उससे जुड़े लोग ही उससे असंतुष्ट हैं। मेरा मानना है कि कोई भी कानून प्रभावित समुदाय को विश्वास में लेकर और उनका भरोसा सुनिश्चित करने के बाद ही बनाया जाना चाहिए।"

वहीं, कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम ने ‘रुपये’ के सिंबल को लेकर तमिलनाडु सरकार का बचाव किया। उन्होंने कहा, "तमिलनाडु ने अपनी मुद्रा नहीं छापी है। इसने केवल तमिल में एक दस्तावेज छापा है, जिसमें 'रु' रुपये का प्रतिनिधित्व करता है। ठीक उसी तरह जैसे अंग्रेजी में 'रु' का उपयोग किया जाता है। यहां तक कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पहले अपने तमिल ट्वीट में इसी प्रतीक का इस्तेमाल किया है। इसे अलगाववादी या राष्ट्र-विरोधी कृत्य के रूप में चित्रित करना अतिशयोक्ति है। तमिलनाडु केवल हिंदी थोपने के खिलाफ बयान दे रहा है। हालांकि, तमिलनाडु भारतीय संघ का अभिन्न अंग बना हुआ है और इसकी अखंडता को चुनौती देने का कोई सवाल ही नहीं है।"

वोटर लिस्ट के मुद्दे पर टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने कहा, "विपक्ष लगातार डुप्लीकेट एपिक (ईपीआईसी) कार्ड का मुद्दा उठाता रहा है। हम लगातार सदन में इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। हालांकि, हम देख रहे हैं कि हमारे नोटिस खारिज किए जा रहे हैं और सदन में चर्चा नहीं होने दी जा रही है। आज विपक्ष के नेता भी खड़े हुए और चर्चा की मांग की, लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी गई। नतीजतन, आज पूरे विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।"

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *