डॉ. एस सिद्धार्थ का इस्तीफा बना सियासी सरगर्मी का केंद्र, क्या विधानसभा चुनाव में उतरेंगे मैदान में?

पटना 
बिहार के शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव पद पर कार्यरत डॉ. एस सिद्धार्थ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने नीतीश सरकार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन सौंपा है। मुख्यमंत्री सचिवालय के अनुसार, उनका आवेदन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंच गया है। चर्चा है कि एस सिद्धार्थ जेडीयू के टिकट पर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में नवादा जिले से किस्मत आजमा सकते हैं।

नवंबर में होनी थी रिटायरमेंट, पहले ही लिया वीआरएस

डॉ. एस सिद्धार्थ 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। वे 30 नवंबर, 2025 को रिटायर होने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही उन्होंने वीआरएस लेने का फैसला कर लिया। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई अहम योजनाओं को धरातल पर उतारा। खासकर शहरी विकास विभाग में रहते हुए उन्होंने पटना मेट्रो की योजना को आकार दिया।

पटना मेट्रो और मास्टर प्लान की शुरुआत

शहरी विकास सचिव रहते हुए एस सिद्धार्थ ने पटना मेट्रो के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करवाई और महानगर क्षेत्र के लिए मास्टर प्लान बनाने की प्रक्रिया शुरू करवाई। उनके कार्यकाल में शहरी सुधारों से जुड़े कई नियम और कानून भी लागू किए गए।

 सादा छवि और शिक्षा सुधारों के लिए पहचान

शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर स्कूलों की मूलभूत व्यवस्था सुधारने तक कई कड़े कदम उठाए। वे शिक्षकों और बच्चों दोनों के प्रति संवेदनशील माने जाते हैं। उनकी छवि एक साफ-सुथरे, गंभीर और मेहनती अफसर की रही है।

मूल रूप से तमिलनाडु से, लेकिन दिल से बिहारी

एस सिद्धार्थ का जन्म तमिलनाडु में 1979 में हुआ था, लेकिन उनका कार्यक्षेत्र बिहार ही रहा है। बिहार कैडर के होने के कारण वे खुद को पूरी तरह बिहारी मानते हैं। उनके पास दिल्ली, तेलंगाना और तमिलनाडु में संपत्ति है। वहीं एक लाइसेंसी पिस्टल भी उनके पास है।

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