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मध्य प्रदेश कांग्रेस की नई रणनीति: ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति पर जिला अध्यक्षों को मिलेगी स्वतंत्रता

भोपाल
 वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप मध्य प्रदेश में जिला कांग्रेस अध्यक्षों को ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तियों के लिए फ्री-हैंड यानी सर्वाधिकार दिया गया है। वे संगठन सृजन अभियान के माध्यम से क्षेत्रों के जातीय और स्थानीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए नियुक्तियां करेंगे। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें जिले के जातिगत समीकरण का डेटा भी भेजा है।
प्रदेश में कांग्रेस के 1,004 ब्लॉक हैं

नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए 40 दिन का समय दिया गया है। प्रदेश में कांग्रेस के 1,004 ब्लॉक हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा के हाथों कांग्रेस को मिली करारी हार का बड़ा कारण संगठन की कमजोरी को माना गया था।

संगठन को सशक्त बनाने के लक्ष्य को लेकर वर्ष 2025 को संगठन वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। जिला इकाइयों को मजबूत बनाने के लिए जिला अध्यक्षों का चयन किया गया। अब इन अध्यक्षों को अब अपने नीचे की इकाइयां बनानी हैं।

कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने जिला अध्यक्षों से कहा है कि वे स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए ऐसी टीम बनाएं जो विपरीत परिस्थितियों में भी विचारधारा से डिगे नहीं। संघर्षशील हो और भाजपा व सरकार का डटकर मुकाबला करे।
जिला इकाई सबसे महत्वपूर्ण

मध्य प्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री संजय कामले का कहना है कि संगठन में सबसे महत्वपूर्ण जिला इकाई है। इस नाते जिला अध्यक्षों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। ब्लाक अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए जिला अध्यक्ष नाम निर्धारित करके प्रदेश कांग्रेस को भेजेंगे और यहां से सूची जारी की जाएगी।

जिला अध्यक्षों की पहली परीक्षा

ब्लॉक स्तर पर नियुक्तियां जिला अध्यक्षों की पहली परीक्षा होगी। इसमें उन्हें न केवल वरिष्ठ नेताओं के साथ जातीय और स्थानीय समीकरणों को साधना होगा बल्कि ऐसी टीम तैयार करनी होगी जो राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप हो यानी जिनके लिए नेता नहीं पार्टी प्रथम हो। इस काम में जिला अध्यक्षों का सहयोग समन्वय समिति करेंगी, जिनकी बैठकें 26 सितंबर तक करने के निर्देश प्रदेश कांग्रेस ने दिए हैं।

 

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