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शहरों के विकास, आर्थिक सुधार, नागरिक जीवन शैली में सुधार के लिए चयनित 7 शहरों में कार्य किये जा रहे

भोपाल
प्रदेश में शहरों के समुचित विकास, आर्थिक सुधार, नागरिक जीवन शैली में सुधार के उद्देश्य से चयनित 7 शहरों (स्मार्ट सिटी) में कार्य किये जा रहे हैं। प्रदेश में 3 शहरों भोपाल, इंदौर और जबलपुर का चयन प्रथम चरण में स्मार्ट सिटी मिशन में किया गया था। दूसरे चरण में ग्वालियर और उज्जैन का चयन किया गया। स्मार्ट सिटी मिशन में तीसरे चरण में सतना और सागर चयन किया गया। देश में स्मार्ट सिटी मिशन की शुरूआत 25 जून 2015 को की गई थी। इसके बाद से 3 चरणों में मध्यप्रदेश के इन 7 शहरों का चयन किया गया। स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत किया जा रहा है।

मिशन के अंतर्गत प्रदेश के प्रत्येक चयनित शहर के लिये एक हजार करोड़ रूपये ग्रांट का प्रावधान किया गया, जिसमें 500 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार की और 500 करोड़ रूपये राज्य सरकार की मैचिंग ग्रांट थी। स्मार्ट सिटी चयनित शहरों में मुख्य रूप से ऐसी योजनाएं क्रियान्वित की गई, जिनसे नागरिक जीवन शैली में सुधार हो।

विकास के कार्य

स्मार्ट सिटी में मुख्य रूप से स्मार्ट रोड, स्मार्ट लाइटिंग, स्मार्ट क्लासरूम, इनक्युबेसन सेंटर, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, एकीकृत कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर, मल्टी लेवल पार्किंग, इटेंलिजेंस ट्रॉफिक मैनेजमेंट, पुरातत्व धरोहर संरक्षण अंतर्गत रेस्टोरेशन कार्य, रिवर फ्रंट-लेक डेवलपमेंट, नॉन मोटराइज ट्रांसपोर्ट, स्पोटर्स् स्टेडियम आदि शामिल हैं। प्रदेश में स्मार्ट सिटी के सुचारू संचालन एवं मॉनिटरिंग के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पॉवर स्टेरिंग कमेटी का गठन भी किया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों को शामिल किया गया है। स्मार्ट सिटी ग्रांट फंड के अंतर्गत 662 योजनाओं के लिये करीब 6 हजार 563 करोड़ रूपये के कार्य मंजूर किये गये हैं, जिसमें से 639 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं।

युवाओं के उद्यमिता के कार्य

स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत युवाओं के उद्यमिता के विकास के लिये भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर तथा सतना में स्टार्ट-अप्स इन्क्यूबेसन केन्द्रों की स्थापना की गई है। अब तक करीब 1027 स्टार्ट-अप्स को सुविधाएं प्रदान की जा चुकी हैं। इनमें से 381 से अधिक स्टार्ट-अप्स ग्रेजुएट हो चुके हैं। प्रदेश के सभी स्मार्ट सिटी शहरों में एकीकृत कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर प्रारंभ किये जा चुके हैं। कोविड-19 लॉक डाउन की विषम परिस्थितियों में स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत निर्मित कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर द्वारा राज्य एवं जिला स्तरीय कोविड कंट्रोल रूम के रूप में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये प्रभावी कार्य किया गया। स्मार्ट सिटी द्वारा इंटर्नशिप के लिये छात्रों को जोड़ा जा रहा है। अब तक 'द अर्बन लर्निंग इंटर्नशिप प्रोग्राम (टीयूएलआईपी) वेबसाइट के अंतर्गत 6 हजार 539 इंटर्नशिप पोस्टेड, 733 ऑनगोइंग हैं। इनके अलावा 1318 इंटर्नशिप पूर्ण किये जा चुके हैं।

 

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