आस्था बनाम विरासत की बहस: ताजमहल को ‘सफेद रंग का कब्रिस्तान’ बताकर कुमार विश्वास का संदेश

लखनऊ 
मशहूर कवि कुमार विश्वास पिछले दिनों अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती से जुड़े एक कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने ताजमहल, महात्मा गांधी, दिल्ली प्रदूषण समेत तमाम मामलों का जिक्र किया। कुमार विश्वास ने आगरा में स्थित दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल को कब्रिस्तान बताते हुए कहा कि अब युवा उसकी बजाए अयोध्या जा रहे हैं, जोकि एक बड़ा परिवर्तन हुआ है।

कार्यक्रम में कुमार विश्वास ने कहा, ''यहां नए साल पर पहली बार ऐसा हो रहा है कि जो आगरा में कब्रिस्तान है, उसे देखने के बजाए युवा ज्यादा संख्या में आगरा की बजाए अयोध्या, वृंदावन में जा रहे हैं। परिवर्तन हो रहा है। बदलने में देर लगेगी और तर्क का उत्तर दिया जा सकता है, कुतर्क का नहीं दिया जा सकता।'' हालांकि, विश्वास ने ताजमहल शब्द का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा ताजमहल ही था। उन्होंने आगे कहा कि जिन्हें लगता है कि सेक्युलर देश है, इसमें इतना राम क्यों, रामनवमी क्यों, धर्मनिरपेक्ष देश है, इसीलिए तो सब चल रहा है। अटल जयंती की पूर्व संध्या पर यूपी की राजधानी लखनऊ में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ, ब्रजेश पाठक समेत तमाम नेता मौजूद थे।

अयोध्या के राम मंदिर मामले पर बोलते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि यह देश अदभुत है। यहां राम हुए हैं, या नहीं हुए, इस बात पर सुप्रीम कोर्ट में केस 30 साल तक चला। न्याय के देवता को न्याय के मंदिर में ही पुष्टि करवानी पड़ी कि वे वहीं पैदा हुए जहां उनका मंदिर था। अद्भुत देश है। जब आखिरी चरण में मुकदमा था तब उसी दिनों रामनवमी की छुट्टी पड़ गई। सुप्रीम कोर्ट बंद हो गया। हमने मिलॉर्ड से फोन करके पूछा कि जब नहीं हुए थे तो छुट्टी क्यों हुई और अगर छुट्टी हुई है तो हुए ही होंगे।''
दिल्ली पलूशन, महात्मा गांधी पर क्या बोले विश्वास

कुमार विश्वास ने कार्यक्रम में दिल्ली में जारी पलूशन पर भी तंज कसा। उन्होंने बताया कि दिल्ली में तीनों सरकारें भाजपा की हैं, जिसके बाद भी अद्भुत हवा उपलब्ध करवाई जा रही। उन्होंने कहा, ''रक्षा मंत्री दिल्ली रहते हैं, हम भी दिल्ली रहते हैं। अब तो तीन तल की सरकार आ गई। नगर पालिका, राज्य और केंद्र में भी आप ही हो। डॉक्टर कह रहे कि एक आदमी बाहर बैठ जाए तो 100 सिगरेट पी लेता है। कितनी अद्भुत हवा उपलब्ध करवाई है।'' वहीं, महात्मा गांधी, सरदार पटेल पर कहा कि (तुम) कांग्रेस तो अपने नानाजी, पापा जी और मम्मी जी में लगे रहे। पटेल बाहर बैठे थे तो वे ले गए। मैं तो कहता हूं कि महात्मा गांधी को भी ले लो। वे आयुर्वेद भी कह रहे, खादी पहन रहे, स्वदेशी कह रहे और गीता भी पढ़ रहे। सारे वे काम कह रहे जो आप कहते हो। वहां कोई पूछ भी नहीं रहा गांधी जी को। उनके पास अपने ही तीन फर्जी गांधी बहुत हैं।''

 

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