रामगढ़
झारखंड के रामगढ़ में दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां एक कोयला खदान के धंसने से तीन लोगों की मौत हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार, कोयला खदान में अभी भी 5 लोग फंसे हुए हैं। फंसे हुए लोगों को बचाने का काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह कोयला खदान अवैधी थी, क्योंकि सीसीएल ने यहां कोयला खदान का काम बंद कर दिया था, इसके बावजूद 10 लोग कोयला खदान में काम कर रहे थे।
रामगढ़ के कुजू के महुआ टुंगरी इलाके में अवैध कोयला खदान में काम चल रहा था। इस दौरान बारिश के कारण कोयला खदान भरभराकर धंस गई। धंसने के कारण उसमें काम कर रहे 10 मजदूरों में से 3 की मौत हो गई। मृतकों की पहचान वकील करमाली,, इम्तियाज और निर्मल मुंडा के रूप में हुई है।
राहत-बचाव कार्य जारी
घटना की सूचना मिलने के बाद राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। मशीनें लगाकर मलबा हटाया जा रहा है। मलबा हटाने के बाद अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला जाएगा। मलबे को हटाने के लिए कई मशीनें लगाई गई हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि इलाके में सीसीएल की बंद हो चुकी खदान में अवैध रूप से कोयला निकालने का काम किया जा रहा था, इस दौरान खदान भरभराकर गिर गई और वहां काम कर रहे लोग अंदर ही फंस गए।
घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर स्थानीय ग्रामीण भारी संख्या में इकट्ठा हो गए हैं। इस भीड़ में कई ऐसे लोग हैं जो अपनों के बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, मलबे को हटाने के बाद ही साफ हो पाएगा कि अंदर फंसे लोगों की स्थिति क्या है।
इससे पहले धनबाद में भी जमीन धंसने का मामला सामने आया था। यहां बीसीसीएल कतरास क्षेत्र की एकेडब्लूएमसी कोलियरी में संचालित मां अंबे आउटसोर्सिंग परियोजना के समीप केशलपुर मुंडा धौड़ा में शुक्रवार को दिन के लगभग 11 बजे जोरदार आवाज के साथ जमीन धंस गई। इससे गोफ बन गया। भू-धंसान की चपेट आने से पांच घर क्षतिग्रस्त हो गए। इनमें से एक घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। गनीमत थी कि घटना के वक्त घर पर कोई नहीं था। सभी घर के बाहर खड़े थे, जिससे किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। दरार पड़ते ही अन्य घरों के लोगों ने भी दहशत में भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन घर के अंदर रखे सामान बर्बाद हो गए। भू-धंसान की चपेट में माधव यादव, गुड्डू यादव, दिलीप यादव, राजेश यादव, तीतो देवी के घर शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार माधव यादव पत्नी तेतरी देवी घर के बाहर खाना खा रहे थे। इसी बीच दिन के लगभग 11 बजे अचानक से घर के बाहर जमीन में दरार पड़ने लगी। इसके बाद वहां अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। सभी लोग अपने घर को छोड़ भागने लगे। इसी बीच अचानक से जोरदार आवाज हुई और बड़ा सा गोफ बन गया। इस घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत है। घटना के बाद सभी लोग घरों के सामान निकाल दूसरी जगह शिफ्ट किया। बता दें कि इससे पूर्व बीते 25 जून को भी यहां भू-धंसान की घटना घटी थी। इसके अलावा 29 जून को कुम्हार बस्ती के समीप हॉल रोड बनाने पहुंचे बीसीसीएल प्रबंधन को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा था। इसके बाद पुनर्वास को लेकर रामकनाली ओपी परिसर में त्रिपक्षीय वार्ता भी हुई थी। प्रबंधन ने भू-धंसान स्थल को डेंजर जोन चिह्नित करते हुए खाली करने का नोटिस चिपकाया गया था।