रांची
झारखंड में महागठबंधन सरकार द्वारा अटल मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा के नाम पर किया जाना स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में काम करने वाले योद्धाओं के लिए प्रेरणादायी है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि झारखंड सरकार के इस निर्णय को तुच्छ मानसिकता और विकृत राजनीतिक सोच बताने वाली भाजपा अपने ही नेताओं को शर्मसार कर रही है। पिछले एक दशक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कई शहरों, संस्थाओं, रेलवे स्टेशनों के नाम बदले हैं जिन्हें झारखंड भाजपा के नेतागण सीधे तौर पर तुच्छ और विकृत सोच वाला घोषित कर रहे हैं। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मदर टेरेसा ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत की जनता के लिए अभूतपूर्व योगदान देते हुए अपना संपूर्ण जीवन गुजार दिया। इसके बाद भी भाजपा द्वारा उनकी सराहना करने की जगह इसे विवाद का विषय बनाया जा रहा है। झारखंड अलग राज्य के लिए आंदोलन के दौरान सैकड़ों लोगों ने कुर्बानियां दी, जेल गए, मुकदमे झेले तब जाकर झारखंड अलग राज्य के निर्माण का सपना पूरा हुआ।
शांति ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के निर्माण में भाजपा के ने हमेशा आंदोलन से परहेज किया। भाजपा को झारखंड नाम से ही चिढ़ थी इसलिए उन्होंने इस पूरे क्षेत्र को वनांचल नाम देने का प्रयास किया था। झारखंड अलग राज्य के मामले में श्रेय लेने के लिए भाजपा अपनी पीठ खुद थपथपाती है, जनता जानती है कि अलग राज्य के लिए किसने लड़ाइयां लड़ी और कुर्बानियां दी है। शांति ने कहा कि गुजरात में सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर गुजरात सरकार ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम नामकरण किया, यह तुच्छ और विकृत मानसिकता का ही परिचायक नहीं है बल्कि देश को आजाद करने में और आजादी के बाद देश के नवनिर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ एक धोखा है, एक अमर व्यक्तित्व को नीचा दिखाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा दिन प्रतिदिन विकास की नई लकीर खींचने से भाजपा हतोत्साहित है शायद यही वजह है कि अपनी मानसिक अस्वस्थता का परिचय समय-समय पर भाजपा के नेतागण देते रहते हैं।