सीमांकन में बदलाव: MP के रीवा और मैहर जिले के कई गांवों की होगी अलग पहचान

भोपाल
 मध्यप्रदेश में प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन की कवायद जारी है। राज्य सरकार ने इसके लिए परिसीमन आयोग का गठन किया है, जो नए जिले और तहसील बनाने के साथ ही गांवों और कस्बों को इधर-उधर जोड़ने पर काम कर रहा है। इसी क्रम में अब रीवा और नवगठित मैहर जिले के बीच सीमांकन बदलने की तैयारी हो रही है।

मुकुंदपुर सहित छह गांव रीवा में शामिल करने का प्रस्ताव
मैहर के छह गांव—आनंदगढ़, आमिन, धोबहट, मुकुंदपुर, परसिया और पपरा—को रीवा जिले में मिलाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह प्रस्ताव मुख्य रूप से मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी को ध्यान में रखकर बनाया गया है, क्योंकि यह क्षेत्र रीवा से अधिक नजदीक है। मैहर जिला प्रशासन ने इस संबंध में अमरपाटन के राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे हितधारकों की राय लेकर रिपोर्ट तैयार करें। मैहर के अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी ने इस प्रस्ताव पर पंचायतों के सरपंचों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की राय मांगी है।

नेताओं ने जताया विरोध
हालांकि इस प्रस्ताव का विरोध भी शुरू हो गया है। सतना सांसद गणेश सिंह ने इन गांवों को रीवा में शामिल करने का विरोध जताया है। मैहर विधायक ने भी इस फैसले पर आपत्ति दर्ज की है। कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह ने इसके खिलाफ जेल भरो आंदोलन चलाने और 1000 सत्याग्रहियों के साथ जेल जाने का ऐलान किया है।

ग्रामीणों की राय बंटी
गांवों के ग्रामीण भी इस प्रस्ताव को लेकर दो हिस्सों में बंटे हुए हैं। मुकुंदपुर और आसपास के कुछ गांवों के लोग बिजली, स्वास्थ्य और रीवा की नजदीकी का हवाला देकर रीवा में शामिल होने के पक्ष में हैं। वहीं, धोबहट और अन्य गांवों के कुछ लोग इस बदलाव का विरोध कर रहे हैं।

आयोग ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
परिसीमन आयोग ने इस पूरे मामले पर मैहर जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें गांवों की भौगोलिक, सामाजिक, प्रशासनिक और आर्थिक परिस्थितियों का ब्योरा शामिल किया जाएगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि ये छह गांव रीवा जिले में जोड़े जाएंगे या नहीं।

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