बिहार SIR केस: 12 दिन बाद भी किसी पार्टी की प्रतिक्रिया नहीं, 14 अगस्त तक डिप्टी सीएम को देना होगा जवाब

पटना

चुनाव आयोग ने कहा कि बिहार की अंतिम मतदाता सूची में कोई भी योग्य मतदाता छूटने ना पाये और कोई भी अयोग्य मतदाता जुड़ने न पाये। इसलिए मतदाता सूची प्रारूप में जिनका नाम छूट गया है तो वह कैंप में जाकर अपनी समस्या का समाधान करवा सकते हैं।

बिहार मतदाता सूची प्रारूप प्रकाशित होने के बाद सियासत जारी है। विपक्षी दल लगातार कर मतदाता पुनरीक्षण कार्य पर सवाल उठा रहे हैं। कह रहे हैं कि मतदाता सूची प्रारूप प्रकाशित होने के बाद कई लोगों के नाम कट गए। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि मतदाता सूची प्रारूप प्रकाशित होने के 12 दिन बाद भी अब तक किसी भी राजनीतिक दल की ओर से दावा या आपत्ति नहीं की गई है। चुनाव आयोग ने मंगलवार सुबह मतदाता पुनरीक्षण कार्य का डेली बुलेटिन जारी किया।

चुनाव आयोग ने फिर से अपील करते हुए कहा कि एक अगस्त को जारी की गयी बिहार की प्रारूप मतदाता सूची में कोई भी त्रुटि दूर करने के लिये अपने दावे और आपति दर्ज करें। अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने एक भी दावा या आपत्ति नहीं दर्ज की है। चुनाव आयोग के अनुसार, राष्ट्रीय और राज्य स्तर के राजनीतिक दलों के बीएलए की संख्या एक लाख 60813 है। लेकिन, अब तक किसी भी राजनीतिक दल के बीएलए की ओर से प्रारूप निर्वाचक नामावली के संबंध में नाम जोड़ने या हटाने को लेकर दावा या आपत्ति नहीं किया गया है।

14 अगस्त तक देना है डिप्टी सीएम को जवाब
इधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उपमुख्मयंत्री विजय सिन्हा के नाम पर दो EPIC नंबर होने से बवाल बढ़ गया। पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने घेरा। उन पर वोटर लिस्ट घोटाला करने का आरोप भी लगाया। इसके बाद डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने नाम पर भी दो EPIC नंबर का खुलासा हुआ। तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से कार्रवाई करने की मांग की। तब चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव के बाद नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने जवाब तलब किया गया है। उनका नाम बांकीपुर और लखीसराय विधानसभा में अलग-अलग उम्र के साथ दर्ज है। इस पर चुनाव आयोग ने उनसे 14 अगस्त की शाम पांच बजे तक जवाब देने कहा है।

मैंने केवल लखीसराय से ही SIR फॉर्म भरा है
विजय सिन्हा ने कहा कि पहले मेरा और मेरे पूरे परिवार का नाम पटना में सूचीबद्ध था। अप्रैल 2024 में मैंने अपना नाम लखीसराय विधानसभा में जुड़वाने के लिए आवेदन किया। साथ ही, पटना से नाम हटाने के लिए भी फॉर्म भरा। मेरे पास इसका प्रमाण है। किसी कारणवश मेरा नाम वहां से हट नहीं पाया, इसलिए मैंने बीएलओ को फोन किया और एक लिखित आवेदन भी दिया तथा उसकी रसीद भी ली। मेरे पास दोनों दस्तावेज हैं। मेरा डिलीशन फॉर्म रिजेक्ट कर दिया गया। मैं केवल एक ही जगह से वोट करता हूं। पिछली बार भी मैंने लखीसराय से ही मतदान किया था। मैंने केवल लखीसराय से ही SIR फॉर्म भरा है। मैं उम्र संशोधन के लिए फॉर्म भी पहले ही भर चुका हूं। अब विपक्ष मुझे बदनाम करने की साजिश रच रही है।

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