बड़े हल्दी और मिड़मिड़ा की महिलाओं ने योजना को स्वरोजगार का जरिया बना लिया

रायपुर

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अब सिर्फ आवास प्रदान करने तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का सशक्त माध्यम बन रही है। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के पुसौर विकासखंड अंतर्गत बड़े हल्दी और मिड़मिड़ा की महिलाओं ने इस योजना को स्वरोजगार का जरिया बना लिया है।

यहां की सुधा महिला ग्राम संगठन और चंद्रहासिनी महिला संकुल ने महिला स्व-सहायता समूहों के सहयोग से निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाले सेंटरिंग सामान की खरीदी कर, उसे प्रधानमंत्री आवास निर्माण स्थलों में किराए पर उपलब्ध कराना शुरू किया है। इससे उन्हें नियमित आय प्राप्त हो रही है और उनके जीवनस्तर में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है।

संगठन की शुरुआत वर्ष 2019 में केवल 10 समूहों के साथ हुई थी, जो अब बढ़कर 18 समूहों तक पहुंच गई है। इनसे लगभग 200 महिलाएं प्रत्यक्ष रूप से जुड़ चुकी हैं। संगठन ने 4 लाख 20 हजार रुपये का लोन लेकर सेंटरिंग सामग्री की खरीदी की है, जिसे पीएम आवास निर्माण में उपयोग किया जा रहा है।
महिलाओं का कहना है कि बिहान योजना के अंतर्गत मिली सहायता और पीएम आवास की बढ़ती संख्या के कारण उन्हें रोजगार के स्थायी अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार प्रकट करते हुए कहा कि शासन की योजनाओं ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *