जल संरक्षण को लेकर NGT का बड़ा कदम, पंजाब सरकार से रिपोर्ट तलब

पंजाब 
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पंजाब सरकार को राज्य के जल स्रोतों में हो रहे प्रदूषण को लेकर जिला-वार, verifiable data की विस्तृत जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। ट्रिब्यूनल ने कहा कि जमीनी हकीकत और सुधारात्मक उपायों की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए सूक्ष्म और ठोस आंकड़े बेहद जरूरी हैं। यह निर्देश जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल की पीठ ने सुओ मोटो मामले में जारी किए। पीठ ने 15 दिसंबर को पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) द्वारा दाखिल की गई स्थिति रिपोर्ट की समीक्षा की।

रिपोर्ट के अनुसार, पूरे पंजाब में कुल 1,511 प्रदूषण स्रोतों की पहचान की गई है। इनमें से 692 स्रोतों (करीब 45.79 प्रतिशत) को बंद या हटाया जा चुका है, जबकि 819 स्रोतों पर अब भी कार्रवाई लंबित है। रिपोर्ट में औद्योगिक इकाइयों, डेयरी अपशिष्ट, नगर निगम के सीवेज, गांवों के गंदे पानी के निकास और अन्य व्यक्तिगत प्रदूषण स्रोतों के खिलाफ की गई कार्रवाई का विवरण दिया गया है। इसके अलावा तालाबों के नवीनीकरण, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) और इन-सिटू रेमेडिएशन सिस्टम लगाने की समय-सीमा भी बताई गई है, जो फंड की उपलब्धता के आधार पर वर्ष 2028 तक निर्धारित की गई है।

हालांकि, ट्रिब्यूनल ने कहा कि मौजूदा रिपोर्ट से जमीनी हालात की पूरी तस्वीर साफ नहीं होती। इसलिए PPCB को निर्देश दिए गए हैं कि वह एक व्यापक, जिला-वार और तालिकाबद्ध रिपोर्ट दाखिल करे। इस रिपोर्ट में हर जल स्रोत का नाम, क्षेत्रफल, जियो-कोऑर्डिनेट्स, प्रदूषण के पहचाने गए स्रोत, अब तक बंद किए गए स्रोत, शेष स्रोतों को बंद करने की कार्ययोजना व समय-सीमा, और वर्तमान जल गुणवत्ता की स्थिति शामिल होनी चाहिए। PPCB ने संशोधित रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आठ सप्ताह का समय मांगा, जिसे ट्रिब्यूनल ने मंजूर कर लिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च 2026 को होगी। 

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *