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पत्रकार को अरेस्ट कर बेनकाब हुई भोपाल पुलिस, कुलदीप को मिली जमानत, फंसाने वाला थाना प्रभारी लाइन अटैच

भोपाल
पत्रकार पर कल पुलिस ने किया फर्जी एक्सीडेंट के झूठे केस में अड़ी बाजी का मामला दर्ज। कटारा हिल्स थाने में पत्रकार के खिलाफ हुआ झूठा मामला दर्ज

थाने में पत्रकारों का धरना
पत्रकारों के साथ भाजपा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल में मौजूद। टीआई के सस्पेंड करने की मांग। TI के सस्पेंड होने तक थाने में धरना देने बैठे पत्रकार। पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया  के खिलाफ दर्ज हुआ है झूठा मामला। पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया के मामले में भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से बात की। तत्काल कार्यवाही की बात कही। मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामला लाया। थाना प्रभारी के निलंबन नहीं होने तक पत्रकारों के साथ थाने में बैठे प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री आशीष अग्रवाल। कटारा हिल्स थाने में एक पत्रकार के खिलाफ दर्ज की गई FIR अब तूल पकड़ चुकी है। पत्रकार संगठनों और मीडिया से जुड़े लोगों ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला करार देते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।  

रॉयल प्रेस क्लब का विरोध प्रदर्शन  
इस मामले में पत्रकारों का संगठन रॉयल प्रेस क्लब भी खुलकर विरोध में उतर आया है। क्लब के सदस्यों ने थाने की चौखट पर बैठकर प्रदर्शन किया और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।  

भाजपा मीडिया प्रभारी ने बताया ‘दोषपूर्ण कार्यवाही’  
इस मुद्दे पर भाजपा के मीडिया प्रभारी ने भी आपत्ति जताई है। उन्होंने इस FIR को गलत करार देते हुए संबंधित थाना प्रभारी (TI) को निलंबित करने की मांग की है। उनका कहना है कि पत्रकारों पर इस तरह की कार्रवाई लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

पुलिस की कहानी में झोल है-
एफआईआर में दावा किया गया कि एक्सीडेंट में कुलदीप सिंगोरिया की गाड़ी शामिल थी, लेकिन यह कार कुलदीप की नहीं थी बल्कि वह एक सफेद बोलेरो में बैठे थे।
एक्सीडेंट जैसे मामूली केस में गैरजमानती धारा लगाना असामान्य है जो पुलिसिया कार्रवाई को संदिग्ध बनाता है।
गिरफ्तारी के बाद कुलदीप को परिजनों से नहीं मिलने दिया गया और सीधा जेल भेज दिया गया।
बिना किसी आधार फोन जब्त करना और शिकायतकर्ता द्वारा पहचान डिनाई करना

कलेक्टर से रहा है विवाद – पत्रकार कुलदीप ने कुछ महीने पहले नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीणा पर कई आरोप लगाए थे। यह आरोप खाद के लिए परेशान किसानों पर लाठीचार्ज की खबर चलाई थी। जिसकी खुन्नस निकालने की एवज में पत्रकार कुलदीप को निशाना बनाया गया है।

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