धरती पर लौटे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु: ‘स्थिर रहना भी एक कला है

नई दिल्ली

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से लौटने के बाद एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वे माइक्रोग्रैविटी में तैरते हुए नजर आ रहे हैं। इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए इस वीडियो में शुक्ला बिना हिले पूरी तरह स्थिर रहने की कोशिश में लगे हैं। उन्होंने लिखा कि आईएसएस पहुंचने के बाद वे टाइमलाइन का पालन करने और अपने टास्क व प्रयोगों को पूरा करने में व्यस्त थे। शुरू में माइक्रोग्रैविटी में हिलना-डुलना और स्टेशन को समझना थोड़ा मुश्किल था, लेकिन कुछ दिनों बाद उन्होंने अपने शरीर पर नियंत्रण पाना सीख लिया। हालांकि, पूरी तरह स्थिर रहना उनके लिए चुनौती बना रहा।

शुभांशु शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष में छोटी सी भी हलचल आपके शरीर को हिला सकती है। ऐसे में बिल्कुल स्थिर रहने के लिए खास कौशल की जरूरत होती है। उन्होंने इसे तेज रफ्तार दुनिया में मन की शांति से जोड़ते हुए कहा कि हमें कभी-कभी रुकना और शांत रहना जरूरी है। शुक्ला ने सुझाव दिया कि तेजी से आगे बढ़ने के लिए कभी-कभी धीमा होना जरूरी होता है। चाहे गुरुत्वाकर्षण हो या न हो, स्थिर रहना एक बड़ी चुनौती है।

शुभांशु शुक्ला की कैसी है सेहत
शुभांशु शुक्ला स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल ग्रेस में सवार होकर धरती पर लौटे, जो सैन डिएगो के तट पर प्रशांत महासागर में उतरा। लगभग तीन सप्ताह के एक्सियॉम-4 मिशन के दौरान शुक्ला और उनकी टीम ने 31 देशों के 60 से अधिक प्रयोग किए, जिनमें भारत के इसरो के 7 प्रयोग शामिल थे। शुक्ला की वापसी भारत के कॉमर्शियल अंतरिक्ष उड़ान में बढ़ते योगदान का अहम पड़ाव है। इस बीच, इसरो ने बताया कि शुभांशु शुक्ला के मेडिकल टेस्ट से संकेत मिला कि उनकी हालत स्थिर है और तत्काल चिंता की कोई बात नहीं है। अंतरिक्ष यान से बाहर निकलते ही रिकवरी शिप पर अंतरिक्ष यात्रियों की शुरुआती स्वास्थ्य जांच की गई। बाद में, अंतरिक्ष यात्रियों को आगे की मेडिकल जांच के लिए हेलीकॉप्टर से रिकवरी शिप पर ले जाया गया।

 

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