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भारत सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इंदौर शहर की 30 चयनित उचित मूल्य दुकानों में “जन पोषण केंद्र” खोले जाएंगे

भोपाल

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया किशासकीय उचित मूल्य दुकानों को वित्तीय रूप से सशक्त करने और उपभोक्ता हितैषी बनाने की अभिनव पहल की जा रही है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इंदौर शहर की 30 चयनित उचित मूल्य दुकानों में "जन पोषण केंद्र" खोले जाएंगे। इन केन्द्रों से पोषण से जुड़े गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराये जाएंगे। इसके लिए तैयारियां भी प्रारंभ हो गई हैं।

मंत्री राजपूत ने बताया किजन पोषण केंद्रों में पोषण से जुड़े उत्पादों का भंडारण होगा। इन केंद्रों में राशन डीलरों को आय का एक और ज़रिया मिल सकेगा। केंद्रों में उद्यमिता विकास के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इन केंद्रों में डिजिटल टूल्स और सहायता प्रणालियों का इस्तेमाल किया जाएगा।

जन पोषण केंद्रों से जुड़े फ़ायदे

इन केंद्रों से राशन डीलरों की आय बढ़ेगी। लोगों को पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ मिलेंगे। राशन डीलरों को आसान लोन की सुविधा मिलेगी। राशन डीलरों को उद्यमिता विकास के लिए प्रशिक्षण मिलेगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट अंतर्गत मध्यप्रदेश में इंदौर जिले की 30 उचित मूल्य दुकानों का चयन किया गया है। इन दुकानों के डीलर्स का पांच दिवसीय प्रशिक्षण 13 से 17 जनवरी 2025 तक राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान, नंदा नगर, सुखलिया में किया गया।

प्रशिक्षण में उचित मूल्य दुकान विक्रेताओं को उचित मूल्य दुकान पर जन पोषण केंद्र की स्थापना, पीडीएस की सामग्री के अलावा अन्य सामग्री विक्रय, पोषण संबंधी वस्तुएं प्राथमिकता से विक्रय करने, उचित मूल्य दुकानों को बहुउद्देशीय बनाने, भंडार संचालक को अतिरिक्त सामग्री बिक्री से आमदनी कैसे बढ़े और आम उपभोक्ताओं को पोषण संबंधी वस्तुएं सुलभ प्राप्त हो सके का, आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण के अंतिम दिवस में भारत सरकार के अवर सचिव श्रीमती मंजुला डेनियल एवं अभिषेक कुमार कंसलटेंट द्वारा विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में जिला आपूर्ति नियंत्रक इंदौर एम.एल. मारू द्वारा भी विक्रेताओं को उचित मार्गदर्शन किया गया। प्रशिक्षण पश्चात सभी विक्रेताओं का ऑनलाइन टेस्ट लिया गया, इसके बाद सर्टिफिकेट वितरित किये गए।

 

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