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अमेरिका दौरा या अपमान? व्हाइट हाउस गेट पर खड़े रह गए शहबाज और मुनीर

न्यूयॉर्क

पाकिस्तान का बेइज्जती शब्द से गहरा नाता है. चाहे कोई भी मंच हो, उसकी इंटरनेशनल बेइज्जती अक्सर होती है. अबकी बार अमेरिका में पाकिस्तान की बेइज्जती हुई है. जी हां, पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर ट्रंप दरबार पहुंचे थे. शुक्रवार को वाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर की मुलाकात हुई. मगर इस मुलाकात के लिए पाकिस्तानी पीएम को अपनी बेइज्जती करवानी पड़ी. डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए आसिम मुनीर के साथ शहबाज शरीफ को वाइट हाउस के गेट पर इंतजार करना पड़ा. काफी देर बाद उन दोनों को डोनाल्ड ट्रंप का दीदार हुआ. अब सवाल है कि आखिर शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए इतना लंबा इंतजार क्यों करना पड़ा?

दरअसल, पाकिस्तान की इस बेइज्जती का परोक्ष रूप से कारण चीन ही है. जी हां, डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को कुछ देर इंतजार कराया. कारण कि उस वक्त डोनाल्ड ट्रंप एक अहम डील में बिजी थे. जब वाइट हाउस की दहलीज पर शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर खड़े थे, तब अंदर ट्रंप का टिकटॉक को लेकर कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करना और प्रेस से मुलाकात जारी रहा. इसके कारण ही ट्रंप ने अपने घर आए मेहमान शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को इंतजार कराया. हालांकि, जब टिकटॉक डील पर सिग्नेचर और प्रेस वार्ता खत्म हो गई, तब जाकर ट्रंप ने शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर से मुलाकात की.

ट्रंप और शरीफ के बीच वार्ता

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाइट हाउस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ वार्ता की. ट्रंप और शहबाज शरीफ के बीच यह मुलाकात इस बात के संकेत हैं कि अमेरिका और परमाणु शक्ति वाले पाकिस्तान के बीच कुछ तो खिचड़ी पक रही है. शहबाज शरीफ उन आठ अरब या मुस्लिम देशों के टॉप अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर ट्रंप से मुलाकात की. अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार होता दिख रहा है, क्योंकि रूस-यूक्रेन जंग और रूसी तेल की वजह से अमेरिका और भारत के संबंधों में खटास है. ट्रंप ने मास्को पर अप्रत्यक्ष आर्थिक दबाव डालने के प्रयास में भारत से तेल खरीद पर टैरिफ में बढ़ोतरी की है.

जब ट्रंप से हुई शरीफ की मुलाकात

इससे पहले अमेरिका और पाकिस्तान ने जुलाई में एक व्यापार समझौता किया था. इससे उम्मीद है कि वाशिंगटन पाकिस्तान के बड़े पैमाने पर अप्रयुक्त तेल भंडार को विकसित करने और इस्लामाबाद के लिए टैरिफ कम करने में मदद करेगा. शहबाज शरीफ गुरुवार शाम 5 बजे (अमेरिकी समयानुसार) से कुछ पहले वाइट हाउस पहुंचे. वह तब पहुंचे जब ट्रंप कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर कर रहे थे और पत्रकारों से बात कर रहे थे. दोनों नेताओं के बीच बैठक मीडिया के लिए बंद थी, और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल शाम 6.18 बजे वाइट हाउस से रवाना हुआ. हालांकि, शहबाज शरीफ को ट्रंप से मुलाकात करने के लिए 30 मिनट तक इंतजार करना पड़ा. इसके बाद दोनों के बीच यह बैठक करीब 1 घंटे 20 मिनट चली.

पाक-अमेरिका कैसे आ रहे करीब?

शहबाज शरीफ ने इस साल पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम करने के अपने प्रशासन के प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया था. शहबाज शरीफ और मुनीर दोनों पक्के ट्रंप समर्थक बन चुके हैं. पाकिस्तान तो बार-बार यही कह रहा है कि अमेरिका ने ही सीजफायर करवाया. जबकि भारत का इसे लेकर साफ कहना है कि पाकिस्तान की गुहार पर भारत ने सीजफायर किया. शहबाज शरीफ और मुनीर सीजफायर का क्रेडिट ट्रंप को देते हैं, मगर पीएम मोदी इससे इनकार कर चुके हैं. बहरहाल, यह पहली बार नहीं है जब मुनीर ट्रंप दरबार पहुंचे हैं. इससे पहले भी ट्रंप उन्हें हलाल खिला चुके हैं.

 

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