सिवनी
नागपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे पर हादसे में मौत के बाद पत्नी का शव बदहवास अवस्था में बाइक से 80 किलोमीटर तक ले जाने वाला नागपुर का युवक सदमे से उबर नहीं पा रहा है। 19 साल की बेटी नीतू 12वीं कक्षा में है। बेटी के सिर से मां का साया छिन चुका है। वहीं, आंखों के सामने ट्रक की टक्कर से पत्नी की मौत से मिला दर्द अमित शायद ही कभी भूल पाए, लेकिन हाईवे पर किसी से मदद न मिलने की संवेदनहीनता ने उसे झकझोर दिया है।
वह सदमे में है। अमित का कहना है कि हादसे के बाद वह सड़क पर खड़ा होकर आने-जाने वालों से मदद की गुहार लगाता रहा। सबको इंसानियत का वास्ता दिया, पर कोई नहीं पिघला। आधे घंटे मदद मांगने के बाद उसने पत्नी के शव को बाइक से बांधा और नागपुर में लोनारा स्थित घर लौट गया। हादसे के दो दिन बाद भी पुलिस टक्कर मारने वाले ट्रक का पता नहीं लगा सकी है।
लाल रंग की गाड़ी ने टक्कर मारी थी
अमित यादव ने बताया कि लाल रंग के आयसर ट्रक ने पीछे से बाइक को टक्कर मारी थी। हेलमेट पहना होने की वजह से वह तो बाइक से कुछ दूर गड्ढे में जा गिरा, लेकिन ज्ञारसी ट्रक की चपेट में आ गई। मौके पर ही ज्ञारसी की मौत हो गई। वहीं, सिवनी जिले के एसडीओपी अपूर्व भलावी का कहना है कि घटना रविवार दोपहर लगभग 3.15 बजे नागपुर के देवलापार हाईवे पर हुई। मध्य प्रदेश की सीमा में वे दोनों नहीं पहुंचे थे, इसलिए कार्रवाई महाराष्ट्र पुलिस को करनी है।
बता दें कि महाराष्ट्र के नागपुर स्थित लोनारा निवासी 40 वर्षीय अमित यादव (40) रक्षाबंधन के दूसरे दिन रविवार को अपनी 36 वर्षीय पत्नी ज्ञारसी के साथ बाइक से मध्य प्रदेश में सिवनी जिले के धूमा थाना क्षेत्र के गांव करनपुर के लिए आ रहा था। यहां ज्ञारसी को अपने मुंहबोले भाई राजेंद्र विश्वकर्मा के यहां पहुंचना था, लेकिन रास्ते में नागपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे पर महाराष्ट्र के देवलापार थाना क्षेत्र स्थित मोरफाटा दरगाह के पास हादसा हो गया।
महाराष्ट्र पुलिस ने दर्ज किए बयान
महाराष्ट्र पुलिस ने सोमवार को लोनारा पहुंचकर अमित के बयान दर्ज किए हैं। अमित मूलत: मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के धूमा के मझगांव का निवासी है। 20-25 सालों से नागपुर के लोनारा में रह रहा है। उसकी पत्नी ज्ञारसी का मायका मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील के झिरारू जमखार गांव में है।
सिवनी जिले के करनपुर निवासी राजेंद्र विश्वकर्मा नागपुर में मजदूरी करने गए थे, सात-आठ साल से ज्ञारसी ने उनको मुहंबोला भाई बना लिया था। राजेंद्र विश्वकर्मा के अनुसार, अमित ने लोनारा लौटकर हादसे की जानकारी दी। इसके बाद रात में ही वह परिजनों संग लोनारा पहुंचे।