अशोकनगर से हैरान करने वाला मामला सामने आया, ब्रिज को ही कुतर गए चूहे, सीनियर प्रोफेसर को बुलाकर करवाया निरीक्षण

अशोकनगर
अभी तक आपने चूहों को घरों में घरेलू सामान तो खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान करने के बारे में तो सुना होगा। लेकिन मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां चूहों ने ब्रिज को कुतरकर खोखला कर दिया। इसके चलते ब्रिज के धंसने का मामला सामने आया। इस घटना के बाद ब्रिज कॉर्पोरेशन और पीडब्ल्यूडी में हड़कंप मच गया। ब्रिज के आगामी भविष्य और खतरे को देखते हुए ग्वालियर के सीनियर प्रोफेसर्स की टीम को बुलाया। टीम ने क्षतिग्रस्त ब्रिज का निरीक्षण किया।

उल्लेखनीय है कि 2 माह पहले अशोकनगर जिला मुख्यालय पर बने बड़े ब्रिज का एक हिस्सा अचानक 5 फिट नीचे धंसक गया। इसके बाद ग्वालियर के ब्रिज कॉरपोरेशन विभाग के सीनियर अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ब्रिज का निरीक्षण किया। इसके बाद धंसक रहे हिस्से की मरम्मत करवा दी। हालांकि कुछ दिन बाद फिर से ब्रिज की मिट्टी धीरे-धीरे खिसकती रही।

पीडब्ल्यूडी और ब्रिज कॉर्पोरेशन की बढ़ी टेंशन

ब्रिज कॉरपोरेशन एवं पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने भी मौके का निरीक्षण किया। लगातार ब्रिज के एक हिस्से में धंसक रही मिट्टी को देखते हुए ब्रिज के आगामी भविष्य को लेकर प्रशासन को चिंता सता रही है। बुधवार ब्रिज कारपोरेशन के एसडीओ सहित एमआईटीएस कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर सुभाष त्रिवेदी और प्रोफेसर अभिलाष तिवारी के साथ ईई योगेंद्र यादव ने ब्रिज पर पहुंचकर निरीक्षण किया। साथ ही ब्रिज की आगामी स्थिति को बारीकी से अवलोकन किया।

ब्रिज में चूहों के बिल देख हैरान हुआ दल

इस दौरान ब्रिज के निरीक्षण में पहुंचे सीनियर प्रोफेसर की टीम ब्रिज के नीचे निरीक्षण करने पहुंची। वहां चूहों के बिल देख हैरान हो गए और फिर उन्होंने भी ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने का कारण चूहों को ही माना।

निरीक्षण दल ने दी रिपेयर की सलाह

इस दौरान ब्रिज कॉरपोरेशन के अधिकारी योगेंद्र यादव ने बताया कि ब्रिज की गुणवत्ता और आगामी भविष्य को देखते हुए इंस्पेक्शन के लिए सीनियर प्रोफेसर की टीम को बुलाया था। ताकि यह जानकारी मिल सके कि कोई बड़ा डैमेज तो नहीं है। सीनियर प्रोफेसर की टीम ने माइनर डैमेज नहीं माना है। इसके चलते गुरुवार के दिन से ब्रिज पर रिपेयरिंग का कार्य शुरू होगा। ब्रिज पर एक तरफ खुदाई कर पहले तो मलबा से भराव कराएंगे। साथ ही लोहे के सरियों के जाल बिछा कर कंक्रीट होगा। इसके अलावा ब्रिज के नीचे चूहों के बिल भी बंद किए जाएंगे।

 

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