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9 कैरेट गोल्ड को मिली BIS हॉलमार्किंग की हरी झंडी, सस्ते गहनों के बाजार में बढ़ी उम्मीदें

नई दिल्ली

सोने की कीमतों में लगातार उछाल के चलते अब 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने के गहने आम लोगों के बजट से बाहर होते जा रहे हैं। ऐसे में 9 कैरेट गोल्ड, जिसमें केवल 37.5% शुद्ध सोना होता है, धीरे-धीरे ज्वैलरी मार्केट में किफायती और फैशनेबल विकल्प के रूप में उभर रहा है।

सरकार ने हाल ही में 9 कैरेट गोल्ड को हॉलमार्किंग की मंजूरी दे दी है, जिससे यह औपचारिक रूप से भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के मानक के तहत आता है। इसका मतलब है कि अब उपभोक्ताओं को इस गोल्ड की शुद्धता और गुणवत्ता की आधिकारिक गारंटी मिलती है। हर हॉलमार्क वाले गहने पर BIS का लोगो, सोने की शुद्धता का ग्रेड (375) और 6 अंकों का यूनिक HUID कोड अंकित होगा, जिससे मिलावट की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी। आज 9 कैरेट गोल्ड का भाव प्रति ग्राम ₹4,332.79 दर्ज किया गया, जो पिछले स्तर की तुलना में ₹57.75 (1.35%) की बढ़त को दर्शाता है।

9 कैरेट गोल्ड की खासियत:
इस गोल्ड में शेष 62.5% मिश्र धातुएं—जैसे तांबा और चांदी—इसे मजबूत और टिकाऊ बनाती हैं। हल्का होने के कारण यह रोजमर्रा पहनने के लिए सुरक्षित और आरामदायक है। युवा वर्ग और फैशन-प्रेमी अब इसे ट्रेंडी हार, पेंडेंट, ब्रेसलेट और इयररिंग्स में प्राथमिकता दे रहे हैं।

बाजार पर असर:
हॉलमार्किंग की मंजूरी से 9 कैरेट गोल्ड की विश्वसनीयता बढ़ी है। ज्वैलरी उद्योग में नए ग्राहक आकर्षित होंगे, खासकर पहली बार गोल्ड खरीदने वाले और हल्की, मॉडर्न ज्वैलरी पसंद करने वाले लोग। साथ ही यह भारतीय ज्वैलरी को निर्यात बाजार में भी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त देगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि सोने के बढ़ते दामों और युवा वर्ग के हल्के गहनों की बढ़ती मांग के बीच 9 कैरेट गोल्ड एक सस्ता, सुरक्षित और स्टाइलिश विकल्प साबित होगा।

 

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