16 अगस्त जन्माष्टमी विशेष: सही कृष्ण प्रतिमा से पूजन का महत्व

नई दिल्ली 
भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष के रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि को हुआ था। इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी। इस वर्ष जन्माष्टमी पर अमृतसिद्धि व सर्वार्थसिद्धि का अद्भुत योग बन रहा है। इस जन्माष्टमी पर भरणी, कृतिका और आधी रात को रोहिणी नक्षत्र का भी योग है। जो इस दिन को और भी विशेष बना रहा है। अष्टमी तिथि का मान कल 15 अगस्त शुक्रवार की रात को 11.48 बजे हो रहा है, लेकिन उदया तिथि में 16 को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की कैसी मूर्ति से करें पूजा
जन्माष्टमी पर आपको भगवान का ध्यान करते हुए उनकी प्रतिमा की पूजा करनी होती है। उनके किसी भी स्वरूप की मूर्ति आप खरीद सकते हैं। अधिकतर लोग जन्माष्टमी पर बालकृष्ण की स्थापना और पूजा करते हैं। अगर इस दिन वैवाहिक जीवन में मधुरता लाना चाहते हैं, तो बांसुरी बजाते हुए राधाकृष्ण की मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए। राधाकृष्ण की मूर्ति से विवाह संबंधी परेशानियां कम होती हैं। इस दिन शंख और शालिग्राम भी घर लाना चाहिए। संतान के लिए बाल गोपाल और सभी मनोमकामनाओं के लिए बंसी बजाते हुए अकेले मोहन की मूर्ति घर लानी चाहिए। इस दिन भगवान को पीतांबर अर्पित करें। गोपी चंदन का उनका श्रृंगार और फूलों का इस्तेमाल करना चाहिए। बैजयंती के फूलों से भगवान की श्रृंगार आपको लाभ देता है।

16 को क्यों मनाई जाएगी जन्माष्टमी
पंचांग बताते हैं कि अगर ऐसी स्थिति बने कि जब अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का मिलन नहीं हो रहा हो, तब उदयातिथि को मान्यता देकर जन्माष्टमी मनाई जा सकती है। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक 16 अगस्त शनिवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। हालांकि रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त को सुबह सुबह 4.38 बजे से लग रहा है।

 

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *