ऑपरेशन सिंदूर का 100वां दिन, राफेल ने अंबाला से उड़ान भर पाक में मचाई तबाही

अंबाला

आज ऑपरेशन सिंदूर के 100 दिन पूरे हो गए हैं. इस मौके पर पहली बार अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से खास रिपोर्ट लाई है. यह वही जगह है, जहां से 'गोल्डन एरो' स्क्वाड्रन के राफेल लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी और पाकिस्तान में आतंकवादी कैंपों और हवाई अड्डों पर जोरदार हमले किए.

इन हमलों ने इतिहास में पहली बार पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया. आइए, जानते हैं कि राफेल ने कैसे कमाल दिखाया और यह भारत की हवाई ताकत को कैसे मजबूत कर रहा है.

ऑपरेशन सिंदूर क्या था?

ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को शुरू हुआ था, जब भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले (जिसमें 26 लोग मारे गए) का जवाब दिया. अंबाला से राफेल जेट्स ने बिना पाकिस्तान की सीमा में घुसने के उनके आतंकवादी ठिकानों और 12 से ज्यादा टारगेट्स पर सटीक हमले किए. इन हमलों में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए. पाकिस्तान की सैन्य ताकत को कमजोर किया गया. यह ऑपरेशन भारत की हवाई ताकत का शानदार प्रदर्शन था.

राफेल: भारत का गर्व

अंबाला एयरबेस से उड़ने वाले राफेल जेट्स ने साबित कर दिया कि वे भारत की सबसे ताकतवर फाइटर जेट हैं. इन विमानों की खासियतें हैं…

    हर तरह का काम: ये हवा से हवा, हवा से जमीन और जासूसी मिशन एक साथ कर सकते हैं.
    मेटियोर मिसाइल: 150 किमी से ज्यादा की रेंज वाली मिसाइल, जो क्षेत्र में सबसे बेहतरीन है.
    रफ्तार और चपलता: प्रति घंटे 2,222 किमी की रफ्तार और हवा में आसानी से मुकाबला.
    लंबी उड़ान: 1000 किमी से ज्यादा का दायरा, हवा में ईंधन भरने से और बढ़ जाता है.
    स्कैल्प क्रूज मिसाइल: 300 किमी दूर मजबूत ठिकानों पर सटीक वार कर सकती है.
    हर हाल में काम: दिन-रात और दुश्मन के इलाके में भी उड़ान भर सकता है.
    सटीक निशाना: हर मौसम में सटीक वार के लिए थेल्स टारगेटिंग पॉड.
    स्पेक्ट्रा सिस्टम: दुश्मन के रडार को जाम कर सुरक्षा देता है.

राफेल ने कैसे जीता युद्ध?

ऑपरेशन सिंदूर में राफेल ने अंबाला से उड़ान भरकर पाकिस्तान के दुश्मन इलाकों में सटीक हमले किए. इन विमानों ने आतंकवादी कैंपों को नष्ट किया. पाकिस्तानी हवाई अड्डों को निशाना बनाया. राफेल की खासियत यह है कि यह बिना सीमा में घुसे दूर से वार कर सकता है, जिससे हमारे पायलट सुरक्षित रहे. 

कमांडिंग ऑफिसर अमित घियानी ने बताया कि राफेल ने हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. दुश्मन के जे-10 या जे-35 जैसे विमानों से बेहतर साबित हुआ. पायलटों ने भी कहा कि राफेल की चपलता और हालात समझने की क्षमता अद्भुत है. उन्होंने बताया कि यह विमान जंग के मैदान में पूरी तरह हावी रहा. इंजीनियरिंग ऑफिसर ने बताया कि 24 घंटे मेहनत से विमानों को तैयार रखा गया, ताकि हर मिशन समय पर शुरू हो सके.

वायु सेना प्रमुख की बात

हाल ही में वायु सेना प्रमुख ए.पी. सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायु सेना ने 6 पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया. राफेल से लैस गोल्डन एरो स्क्वाड्रन ने पाकिस्तान के कई हवाई अड्डों को नुकसान पहुंचाया. उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की हवाई ताकत की सफलता का सबूत है.

भविष्य की योजना

वायु सेना अब और राफेल जेट्स खरीदने की योजना बना रही है. अगले महीने मिग सीरीज के विमान रिटायर होने से सेना की ताकत कम हो रही है. राफेल की जंग में साबित हुई ताकत ने इसे और जरूरी बना दिया है. सीनियर अधिकारी कहते हैं कि ज्यादा राफेल से पुराने विमानों की जगह भरी जाएगी और भारत को क्षेत्र में तकनीकी बढ़त मिलेगी.

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *