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गौरव गोगोई ने इन आरोपों पर चुप्पी तोड़ी, असम सीएम के दावे को किसी सी-ग्रेड बॉलीवुड मूवी का प्लॉट करार दिया

नई दिल्ली
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा द्वारा उनकी पत्नी पर लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया। असम सीएम एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पिछले काफी समय से कांग्रेस नेता गोगोई पर उनकी पत्नी के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ से कथित संबंध को लेकर हमला कर रही है। अब पहली बार गौरव गोगोई ने इन आरोपों पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने असम सीएम के दावे को किसी “सी-ग्रेड बॉलीवुड मूवी का प्लॉट” करार दिया है।

गौरव गोगोई का पक्ष
गोगोई ने बुधवार को इस मामले पर अपनी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी पत्नी ने 2013 में केवल एक साल के लिए दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन पर एक अंतरराष्ट्रीय परियोजना के तहत पाकिस्तान में काम किया था। उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी एक जानी-मानी पब्लिक पॉलिसी विशेषज्ञ हैं। लगभग 14-15 साल पहले वह दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन पर एक अंतरराष्ट्रीय पहल का हिस्सा थीं। इसके तहत उन्होंने एक साल पाकिस्तान में बिताया और फिर 2012-13 में भारत आ गईं, जहां वह तब से काम कर रही हैं। 2015 में उन्होंने एक नई नौकरी शुरू की।” गोगोई ने आगे कहा कि वह 2013 में अपनी पत्नी के साथ पाकिस्तान गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री इस यात्रा को “सी-ग्रेड बॉलीवुड मूवी” की तरह पेश कर रहे हैं, जिसका “रिलीज डेट” 10 सितंबर बताया जा रहा है। उन्होंने कहा, "यह कहानी पूरी तरह से फ्लॉप होने वाली है। असम के लोग पहले से ही सच्चाई से वाकिफ हैं।"

गोगोई ने आरोपों के समय और मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर इन आरोपों के अनुसार मेरी पत्नी या मैंने कोई गलत काम किया, तो पिछले 11-12 सालों से सत्ता में कौन है? केंद्रीय एजेंसियां क्या कर रही थीं? सभी जानते हैं कि राष्ट्रीय सीमा पार करने की प्रक्रिया में कितनी जांच होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि संसद में निडरता से बोलने वाले एक विपक्षी नेता के रूप में उनका बायोडाटा सभी के सामने है।

हिमंत शर्मा का जवाब
गौरव गोगोई की सफाई पर प्रतिक्रिया देते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंत ने गोगोई के पाकिस्तान यात्रा के “कबूलनामे” का स्वागत किया। सीए ने दावा किया कि उनके पास गोगोई के पाकिस्तानी एजेंसियों से निकटता के विश्वसनीय सबूत हैं। शर्मा ने कहा, “कांग्रेस सांसद श्री गौरव गोगोई ने आखिरकार स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान गए थे। लेकिन एक बात साफ बता दूं- यह शुरुआत है, अंत नहीं। आगे जो सामने आएगा, वह कहीं अधिक गंभीर है।” उन्होंने कहा कि असम सरकार, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए प्रतिबद्ध है, और 10 सितंबर को एसआईटी की जांच पूरी होने के बाद सभी सबूत सार्वजनिक किए जाएंगे। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि गोगोई ने आईएसआई के निमंत्रण पर पाकिस्तान का दौरा किया। उन्होंने कहा, "यह पहली बार है जब मैं सार्वजनिक रूप से यह कह रहा हूं। हमारे पास इसका समर्थन करने के लिए दस्तावेज हैं। वह वहां पर्यटन के लिए नहीं गए थे। वह वहां ट्रेनिंग लेने के लिए गए थे।"

दो दिन पहले हिमंत विश्व शर्मा ने दावा किया कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने चौंकाने वाला कबूलनामा किया है कि उनकी पार्टी के सांसद गौरव गोगोई की ब्रिटिश मूल की पत्नी पाकिस्तान सरकार के वेतन पर काम करती थी। शर्मा ने कहा कि उन्हें इन विवरणों की पहले से जानकारी नहीं थी, (और) अब जब इस बात का खुलासा हुआ है तो कांग्रेस नेता रिपुन बोरा का बयान दर्ज किया जाएगा और मामले में कार्रवाई की जाएगी। शर्मा ने कहा कि गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न ने भारत और पाकिस्तान के बीच 19 बार यात्रा की थी। पूर्व राज्यसभा सदस्य बोरा ने रविवार को कहा था कि कोलबर्न एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) में काम करती हैं, जिसका नेटवर्क पाकिस्तान और अन्य देशों में है।

कहां से शुरू हुआ विवाद?
यह विवाद फरवरी 2025 में शुरू हुआ, जब बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया और मुख्यमंत्री शर्मा ने गोगोई की पत्नी पर पाकिस्तान और आईएसआई से संबंध होने का आरोप लगाया। शर्मा ने दावा किया कि ब्रिटिश नागरिक एलिजाबेथ कोलबर्न ने पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन से संबंधित एक संगठन LEAD पाकिस्तान में काम किया था, जिसके संस्थापक अली तौकीर शेख पर आईएसआई से संबंध होने का आरोप है। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि गोगोई ने 2015 में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित के निमंत्रण पर नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग का दौरा किया था और संवेदनशील रक्षा मामलों पर संसद में सवाल उठाए। गोगोई ने इन आरोपों को “हास्यास्पद और निराधार” बताते हुए खारिज किया और कहा कि बीजेपी और सरमा 2026 के असम विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

असम सरकार की कार्रवाई
असम सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसे अली तौकीर शेख और अन्य लोगों के खिलाफ फरवरी में दर्ज एक FIR की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। इस FIR में भारत विरोधी गतिविधियों, आपराधिक साजिश और राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने के आरोप शामिल हैं। सरमा ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद सभी सबूत 10 सितंबर को सार्वजनिक किए जाएंगे।
 

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